खरगोन में कांग्रेस विधायक का बयान, कहा- सरकार बनते ही दंगे की करवाएंगे जांच, भड़की बीजेपी

खरगोन (Khargon) । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) के प्रत्याशी घोषित होने के बाद दंगे का जिन्न फिर बाहर आ गया है. खरगोन के बहुचर्चित दंगे को लेकर कांग्रेस विधायक और प्रत्याशी रवि जोशी (Ravi Joshi) ने बड़ा बयान दिया है. भाषण के एक वायरल वीडियो में कांग्रेस उम्मीदवार (congress candidate) जोशी कहते नजर आ रहे हैं कि 17 नवंबर को वोटिंग हो जाए और 3 दिसंबर को काउंटिंग, फिर शाम को सरकार बनते ही खरगोन दंगे की जांच के आदेश करवा देंगे. दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. अब चुनावी माहौल में कांग्रेस नेता के बयान पर सियासत शुरू हो गई है. भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी ने कहा विधायक मानसिक संतुलन को बैठे हैं. अच्छे अस्पताल में इलाज कराएं.

खरगोन शहर के मुस्लिम बहुल खसखसवादी इलाके में पहुंचे कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रत्याशी रवि जोशी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो को भाजपा जिला मीडिया प्रभारी ने भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है.

वीडियो में सुना जा सकता है कि मुस्लिम बस्ती में पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी रवि जोशी कहते नजर आ रहे हैं, ”17 नवंबर को मतदान हो जाए और 3 दिसंबर को काउंटिंग, फिर जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनेगी, वैसे ही खरगोन दंगे की जांच कराई जाएगी. दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे.” इसके अलावा जोशी ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि ‘टेंशन लेने का नहीं, टेंशन देने का…’

इस दौरान मुंबई से आए अल्पसंख्यक समुदाय के नेता अनीस कुरैशी भी रवि जोशी के साथ थे.

अब इस मामले में रवि जोशी का कहना है कि भाजपा के मीडिया प्रभारी तो ऐसे दिन भर झूठे वीडियो डालते रहेंगे. एक वीडियो पुराना है. दूसरा एक वीडियो है. इसमें मैंने बड़े स्पष्ट रूप से कहा कि खरगोन पर जो कलंक लगा है, उस दौरान जो प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी यहां पदस्थ थे, उनके खिलाफ हम जांच कराएंगे.

जिला भाजपा मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार का कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी रवि जोशी के दो वीडियो वायरल हुए हैं. वे भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. साथ ही खरगोन की जनता को राक्षस कह रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी इसकी घोर निंदा करती है. कांग्रेस का इतिहास दंगों पर आधारित रहा है. मैं रवि जोशी से आग्रह करता हूं कि वह नसीहत देने की बजाय किसी अस्पताल में जाकर अपना मानसिक इलाज कराएं, क्योंकि चुनाव के चलते हुए अभी अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं.

गौरतलब है कि साल 2022 में 10 अप्रैल को रामनवमी पर निकले जुलूस के दौरान खरगोन में हुए सांप्रदायिक दंगा देशभर में चर्चा का विषय बना था. सबसे लंबा 25 दिन कर्फ्यू खरगोन की जनता को झेलना पड़ा था. अब विधानसभा चुनाव में फिर से राजनीतिक दल वीडियो वायरल कर राजनीतिक रोटी सेंकना चाह रहे हैं.

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