गहलोत और पायलट के बीच खत्म नहीं हुआ विवाद, कांग्रेस से नहीं मिला है पक्का वादा

नई दिल्‍ली (New Delhi) । चार घंटे की मैराथन बैठक के बाद कांग्रेस (Congress) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच युद्ध विराम का ऐलान कर दिया। पार्टी ने यह घोषणा भी की कि भविष्य में दोनों की भूमिका पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) तय करेंगे। पर इस सबके के बावजूद दोनों नेताओं के बीच विवाद अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। वर्ष 2018 के बाद कई बार इस तरह के प्रयास हुए हैं, जब पार्टी हाईकमान ने गहलोत और पायलट के बीच समझौता कराने की कोशिश की है। इस बार यह प्रयास कितना सफल होगा, यह वक्त तय करेगा। पर पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुद्दों का समाधान नहीं हुआ है।

जनसंघर्ष पद यात्रा के दौरान पायलट यह मुद्दे उठाते रहे हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक बैठक के दौरान गहलोत और पायलट ने आलाकमान पर पूरा विश्वास जताया तथा नेतृत्व की तरफ से भी दोनों को भरोसा दिया गया कि उनका पूरा मान-सम्मान रखा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दो घंटे तक चर्चा की।

इसके बाद पायलट को बुलाया गया और उनके साथ अकेले में बात की। बाद में सभी एक कमरे में बैठे और तस्वीर को जारी किया गया। सोमवार को देर रात जब गहलोत और पायलट कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बाहर निकलने, तो दोनों नेता वेणुगोपास के इर्द गिर्द खड़े रहे, पर मीडिया से बात नहीं की थी। पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा कि हमारी तरफ से उठाई जा रही मांगों पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया गया है। पार्टी नेतृत्व की मुख्यमंत्री गहलोत से क्या बात हुई है, इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि, दोनों नेताओं को आमने-सामने बैठाकर मुद्दों को हल करने पर कोई चर्चा नहीं हुई है।

पायलट ने अपनी यात्रा के दौरान तीन मांगें रखी थीं। इनमें राजस्थान लोकसेवा आयोग का पुनर्गठन करना, सरकारी परीक्षा के पेपर लीक से प्रभावित छात्रों को मुआवजा देना और वसुंधरा राजे की अगुआई वाली सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना शामिल था। पर पार्टी की तरफ से अभी कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जयपुर पहुंचने पर जब पूछा गया कि क्या वह पायलट के साथ काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर वह पार्टी में है, तो साथ काम क्यों नहीं करेंगे। जब पायलट की भूमिका पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसकी क्या भूमिका होगी यह हाईकमान तय करेगा।

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