रामेश्वर धाकड़
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) एक ओर जहां रोजाना (Daily) एक पेड़ लगाने की प्रतिज्ञा को पूरा करने में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने राजधानी में कलियासोत बांध के किनारे पहाड़ी पर 89 हेक्टेयर में फैली बाल्मी (जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान) के बीच से हरियाली उजाड़कर बिल्डरों द्वारा बसाई गई कॉलोनियों के लिए रास्ता देने का फैसला कर लिया था। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस ने अपने विशेष अधिकार (वीटो) का उपयोग करते हुए फिलहाल रास्ता देने पर तत्काल रोक लगा दी है। सीएस के इस फैसले से हजारों पेड़ कटने से बच जाएंगे। पंचायत मंत्री की अध्यक्षता में दो दिन पहले बाल्मी परिसर से कलियासोत नदी के ऊपरी हिस्से में कोलार क्षेत्र में बसी करीब एक दर्जन कॉलोनियों को रास्ता देने पर सहमति बन गई थी। खास बात यह है कि विभाग के अधिकारियों ने भी इस पर कोई आपित्त नहीं की। सिर्फ आम, आंवला एवं अन्य छोटे पेड़ों को काटने की बात कही गई थी। बैठक में ही तय हो गया था कि बुधवार सुबह से बाल्मी परिसर में रास्ता निकालने के लिए काम शुरू किया जाए। बैठक के तत्काल बाद आनन-फानन में एनओसी जारी करने की तैयारी भी हो चुकी थी। इस बीच मुख्य सचिव इकबाल सिंह वैस को इसकी भनक लगी। सीएस ने रात को ही अपने वीटी पॉवर का उपयोग करते हुए बाल्मी से जुड़ी फाइल को अगले दिन तक तलब किया और एनओसी एवं काम शुरू करने पर तत्काल रोक के निर्देश जारी किए। अब सीएस खुद इसकी समीक्षा करेंगे कि रास्ता के लिए एनओसी दी जाए या नहीं। उल्लेखनीय है कि जब इकबाल सिंह वैस पंचायत विभाग एसीएस थे, तब भी उन्होंने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। ऐसे में ऐसी संभावना है कि मुख्य सचिव भोपाल की खूबसूरती बढ़ाने वाली बाल्मी परिसर से कॉलोनियों के लिए वैकल्पिक रास्ता देने की मंजूरी के लिए तैयार न हों।
जनरल बॉडी के चैयरपर्सन है सीएस
जल एवं भूमि बचाने के उद्देश्य से 1973 में गठित बाल्मी की जनरल बॉडी के चैयरपर्सन मुख्य सचिव हैं। इस हैसियत से मुख्य सचिव के पास बाल्मी को लेकर विशेष अधिकार हैं। जबकि विभाग के प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव कार्यकारिणी परिषद के चैयरपर्सन हैं। वर्तमान में विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव हैं। पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बैठक में एसीएस ने बाल्मी से रास्ता देेने पर कोई खास आपत्ति नहीं की। मजेदार बात यह है कि दो महीने बाद रिटायर्ड हो रहे एसीएस श्रीवास्तव पूर्व में खुद बाल्मी से रास्ता देने के पक्ष में नहीं थे। फिलहाल सीएस के वीटों से रास्ता निकलने का काम अटक गया है।
ये अफसर कर चुके हैं खारिज
बाल्मी से होकर एप्रोच रोड देने से विभाग की पूर्व अपर मुख्य सचिव अरुणा शर्मा, राधेश्याम जुलानिया, इकबाल सिंह बैंस (मौजूदा मुख्य सचिव)साफ इंकार कर चुके हैं। पिछले साल नौकरी छोडऩे सेपहले विभाग की एसीएस गौरी सिंह ने सड़क निकालने की मंजूरी दे दी थी। जिसे पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने तत्काल निरस्त कर दिया था। वर्तमान एसीएस मनोज श्रीवास्तव भी इसके पक्ष में नहीं थे।
इन कॉलोनियों को होगा फायदा
एप्रोच मार्ग को बाल्मी से निकालने की मंजूरी मिलने के बाद कोलार क्षेत्र की अमरनाथ, सांईनाथ, पैलेस आर्चर्ड, दामखेड़ा ए सेक्टर, सर्वधर्म ए सेक्टर सहित अन्य कालोनियों को फायदा होगा। कॉलोनियों में प्लॉट एवं फ्लेट की कीमत 25 फीसदी तक बढ़ जाएंगी। इन कॉलोनियों के रहवासी मुख्यमार्ग से कोलार नहर चौराहे से न होते हुए सीधे इस पुल से सीधे नेहरू नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, नीलबड़ व रातीबढ़ तक आवाजाही कर सकेंगे। हालांकि इन कॉलोनियों से नेहरू नगर के लिए अलग से सड़क है। खास बात यह है कि बिल्डरों की कालॉनियां विकसित होने से पहले ही राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए)18 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार कर 5 करोड़ की लागत से पुल तैयार कर चुका है, लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलने की वजह से एप्रोच रोड नहीं निकल पाई है।
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