कमजोर पड़ने से पहले गुजरात में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया चक्रवात बिपरजॉय ने


गांधीनगर । तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के साथ (With Strong Winds and Torrential Rain) चक्रवात बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) ने कमजोर पड़ने से पहले (Before Weakening) गुजरात में (In Gujarat) जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया (Threw Life Out of Gear) । पेड़ों को उखाड़ दिया। 23 लोगों की चोटें आईं। बिजली व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। समुद्र के तटों पर भारी भूस्खलन हुआ।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने चक्रवात के आगमन से पहले दो हताहतों की सूचना दी। उसी दिन भावनगर जिले में पानी से भरे एक गड्ढे में फंसी बकरियों को बचाने का प्रयास करते हुए पिता-पुत्र की मौत हो गई। गुजरात के राहत आयुक्त, आलोक सिंह ने बताया कि चक्रवात के कारण 24 जानवरों की मौत हुई। 524 पेड़ गिर गए हैं, और बिजली के कई खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। इसके परिणामस्वरूप 940 गांवों में बिजली गुल हो गई।

मोरबी जिले में 115-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और भारी बारिश के कारण 300 से अधिक बिजली के खंभे टूट गए। इसके कारण 45 गांवों में बिजली गुल हो गई। पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) के अधिकारियों के मुताबिक नौ प्रभावित गांवों में बिजली व्यवस्था बहाल करने के प्रयास जोरों पर हैं।

गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि तटीय जिलों के कई हिस्सों में सड़क निकासी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, हम कच्छ में नियंत्रण कक्ष में स्थिति का विश्लेषण कर रहे हैं, चिंता करने की जरूरत नहीं है, सरकार चीजों को सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। चक्रवात की विभीषिका से बचाने के लिए एक लाख 80 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया।

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