NEET-PG काउंसिलिंग में देरी : दिल्ली की सड़कों पर देर रात तक चला हंगामा, डॉक्टर-पुलिस में झड़प

नई दिल्ली । देश में कोरोना के नए वेरिएंट omicron के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन जिन डॉक्टरों (doctors) के कंधे पर कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ने का दारोमदार टिका हुआ है वो पिछले 11 दिनों से दिल्ली सड़कों पर हड़ताल (strike) कर रहे हैं.

सोमवार को डॉक्टर दिल्ली के ITO पर विरोध मार्च निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान पुलिस और डॉक्टरों के बीच हल्की झड़प भी हुई, जिसके बाद 12 डॉक्टरों को पुलिस हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया. इस घटना में 7 पुलिसकर्मी भी मामूली रूप से घायल हुए हुए हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर सकती है. वही, विवाद शांत होता नहीं दिख रहा है क्योंकि डॉक्टरों का प्रदर्शन देर रात तक जारी रहा.

इधर, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने कहा है कि आज से सभी स्वास्थ्य संस्थान पूरी तरह से बंद रहेंगे. इतना ही नहीं FORDA की ओर से कहा गया है कि देश की चिकित्सा बिरादरी को इसकी निंदा करनी चाहिए और हमारे समर्थन में आगे आना चाहिए.

डॉक्टरों के समर्थन में आई कांग्रेस
इधर, डॉक्टरों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी भी खुलकर मैदान में उतर चुकी है और मोदी सरकार पर तीखे हमले बोल रही है. राहुल गांधी के बाद अब प्रियंका गांधी ने सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा किए हैं. प्रियंका ने ट्वीट करके कहा- ”कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया. अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाएं. डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान और हक चाहिए.

वहीं, NSUI ने भी डॉक्टरों के प्रदर्शन का एक वीडियो ट्वीट करके सरकार को घेरा है. NSUI की ओर से लिखा गया- ”एक तरफ कोरोना के तीसरी लहर की आहट है, दूसरी तरफ देश की राजधानी में जीवन बचाने वाले डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर दिन रात सड़क पर हैं. लगभग 2500 रेजिडेंट डॉक्टर जो सड़क पर मार्च कर रहे थे, उन्हें सरोजिनी नगर के पास हिरासत में ले लिया गया है, आखिर यह तानाशाही कब तक और क्यों”

एक तरफ कोरोना के तीसरी लहर की आहट है..
दूसरी तरफ देश की राजधानी में जीवन बचाने वाले डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर दिन रात सड़क पर हैं..
लगभग 2500 रेजिडेंट डॉक्टर जो सड़क पर मार्च कर रहे थे उन्हें सरोजिनी नगर के पास हिरासत में ले लिया गया है, आखिर यह तानाशाही कब तक और क्यों ?

क्यों और क्या मांग है डॉक्टरों की…
पिछले 1 साल से दिल्ली के तमाम डॉक्टर नीट पीजी काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं. काउंसलिंग ना होने की वजह से इन डॉक्टर का भविष्य अधर में लटका हुआ है. मामला सुप्रीम कोर्ट में भी है. ऐसे में सरकार पर दबाव बनाने के लिए डॉक्टरों ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से सुप्रीम कोर्ट तक पैदल मार्च किया. इस पैदल मार्च का मकसद सरकार पर दबाव बनाना तो था ही, इसके साथ सुप्रीम कोर्ट में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए जल्द से जल्द सुनवाई हो.

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