दिल्ली पुलिस ने जारी किए लुकआउट नोटिस, विदेश भाग सकते हैं किसान नेता

नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 64वां दिन है। गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हुड़दंग के बाद यह आंदोलन अब कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। वहीं, हिंसा में आरोपी किसान नेता पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए कहीं चुपके से विदेश न भाग जाएं, इस आशंका को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इमिग्रेशन की मदद से कुछ किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस (एलओसी) जारी किया है।

दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि इन किसान नेताओं के पासपोर्ट भी जब्त किए जाएंगे। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने मंगलवार की हिंसा के लिए मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल, राकेश टिकैत, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और योगेंद्र यादव सहित 37 किसान नेताओं के खिलाफ समयपुर बादली थाने में एक एफआईआर दर्ज की है।

ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर ‘निशान साहिब’ झंडा फहराने वाले जुगराज सिंह के परिवार के सदस्य संभावित पुलिस कार्रवाई की डर से गांव छोड़कर भाग चुके हैं। दरअसल, लाल किले की प्राचीर पर ठीक उस जगह पर निशान साहिब और किसान संगठनों के झंडे फहराए गए, जहां हर साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि तरण तारण स्थित वान तारा सिंह गांव के रहने वाले 23 साल के जुगराज ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर निशान साहिब का झंडा फहराया था। ऐसे में खबर है कि झंडा फहराने वाले जुगराज के माता-पिता पुलिस और मीडिया का सामना करने के लिए उसके दादा-दादी को अकेला छोड़कर गांव से भाग गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, गांव वालों ने कहा कि पुलिस ने जुगराज के घर पर कई बार रेड मारा है और हर बार खाली हाथ लौटी है। महल सिंह के घर में मौजूज एक ग्रामीण ने कहा कि लाल किले पर जब यह घटना घटी, तब उन्होंने टीवी पर उसे देखा। पड़ोसी का कहना है कि जुगराज एक मेहनती लड़का है।

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिए जुगराज की पहचान सामने आई थी। इस वीडियो में जुगराज के रिश्तेतार ने ही उसकी शिनाख्त की थी। वीडियो में वह युवा कहता है, वान तारा सिंह गांव के जुगराज सिंह ने लाल किले पर खालसा का झंडा फहराया है। वीडियो में खुद को जुगराज का रिश्तेदार बताने वाला शख्स वीडियो में क्रमशः जुगराज के पिता और दादा बलदेव सिंह और महल सिंह के साथ-साथ उसकी दादी और मां का परिचय देता है।

गौरतलब है कि देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंगलवार को विभिन्न किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमाओं से किसान ट्रैक्टर परेड निकाली थी। यह परेड आगे जाकर हिंसक घटनाओं में तब्दील हो गई थी। कई किसानों की परेड तो तय रूट पर गई थी, लेकिन कई किसान दिल्ली में उन जगहों पर ट्रैक्टर लेकर चले गए थे, जिनकी अनुमति नहीं मिली थी। इस दौरान, किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस छोड़े थे। उपद्रवियों ने काफी देर तक लालकिले में भी हुड़दंग मचाया था।

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