भोपाल-इंदौर रोड पर एलिवेटेड ब्रिज का दिग्गी ने किया विरोध

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, सैंकड़ों दुकानों और मकानों को तोडऩा पड़ेगा, वैकल्पिक मार्ग का सुझाव

इन्दौर। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Senior Congress leader Digvijay Singh) जो इन दिनों प्रदेशभर में घूमकर संगठन को मजबूत करने के साथ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विजय बनाने में जुटे हैं उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखकर बैरागढ़ से सीहोर-इंदौर की ओर बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज निर्माण का विरोध किया है। उनका कहना है कि ब्रिज की प्रस्तावित चौड़ाई वर्तमान में उपलब्ध सडक़ से अधिक चौड़ी होने के चलते सैंकड़ों मकानों और दुकानों को तोडऩा पड़ेगा।

दिग्गी ने अपने पत्र में कहा कि ब्रिज बनने से संत नगर का व्यवसाय चौपट हो जाएगा। भोपाल-इंदौर रोड की वर्तमान चौड़ाई 20-22 मीटर है, जबकि प्रस्तावित एलिवेटेड ब्रिज और सर्विस रोड के लिए 44 मीटर जगह चाहिए, जिसके चलते बड़े पैमाने पर तोडफ़ोड़ करना होगी। यहां के अधिकांश व्यापारी सिंधी समाज से जुड़े हैं, जिन्हें आजादी के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ही बैरागढ़ में पट्टे देकर बसाया था। यहां का कपड़ा और बर्तन व्यापार मध्यप्रदेशभर में अपनी पहचान बना चुका है। इसकी बजाय ब्रिज को बड़े तालाब के किनारे से होते हुए विसर्जन घाट अथवा चिरायु अस्पताल तक बनाया जा सकता है और दूसरा विकल्प वीआईपी रोड से मैरिज गार्डन के पीछे यानी तालाब किनारे होते हुए चिरायु तक ले जाया जा सकता है। वहीं तीसरे विकल्प के रूप में मंडीदीप से मिसरोद कोलार होकर नीलबढ़ तक बनने वाले रिंग रोड को मुगालिया होकर खजूरी सडक़ तक बनाया जा सकता है।

हाईकोर्ट आदेश बाद इंदौर-देवास की अधूरी सडक़ अब बनेगी पूरी

इंदौर-देवास रोड के बीच क्षिप्रा विहार कॉलोनी को जोडऩे वाली 25 साल से अधूरी पड़ी सडक़ अब इंदौर हाईकोर्ट आदेश के बाद बन सकेगी। एक किसान द्वारा मुआवजे को लेकर यह केस चल रहा था। मगर अब उज्जैन विकास प्राधिकरण के पक्ष में फैसला आ गया है, जिसके चलते यह अधूरी सडक़ अब 10 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर प्राधिकरण पूरी करेगा।

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