संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सीएए के तहत सीधा एक्शन हो सकता है या नहीं ? – झारखंड हाईकोर्ट


रांची । झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने पूछा है कि केंद्र सरकार (Central Government) संथाल परगना में (In Santhal Pargana) बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ (Against Bangladeshi Infiltrators) सीएए के तहत (Under CAA) के तहत सीधा एक्शन (Direct Action) ले सकती है या नहीं (Can be Taken or Not) ?

कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता को निर्देश दिया है कि वे तीन हफ्ते के भीतर सरकार से निर्देश लेकर इस संबंध में शपथ पत्र के जरिए जवाब दाखिल करें। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण वहां की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के मुद्दे पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ केंद्र सरकार एक्शन ले सकती है। इसमें राज्य सरकार की ज्यादा भूमिका नहीं है। सीएए लागू होने के बाद स्थितियां बदली हैं। पड़ोसी देश के कुछ अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी।

इस याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गृह मंत्रालय से पूछा था कि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए कैसे प्रवेश कर रहे और उन्हें रोकने के लिए क्या किया जा रहा है ? जनहित याचिका डेनियल दानिश ने दायर की है। उन्होंने याचिका में कहा है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज आदि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं। इससे इन जिलों में जनसंख्या पर कुप्रभाव पड़ रहा है।

इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसे स्थापित किए जा रहे हैं। स्थानीय आदिवासियों के साथ वैवाहिक संबंध बनाए जा रहे हैं। प्रार्थी ने मांग की है कि इस मामले में भारत सरकार का गृह मंत्रालय रिपोर्ट दाखिल करे और बताए कि बॉर्डर इलाके से कैसे बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं और कैसे उनकी वजह से क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल रही है।

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