कान्ह में मिलने वाले गंदे पानी को रोकेंगे, 8 एसटीपी बनेंगे

  • सिंहस्थ 2028 के चलते प्रशासन और नगर निगम का अमला जुटा तैयारियों में
  • कलेक्टर ने निगम अफसरों के साथ चोइथराम मंडी, पालदा, गारीपीपल्या, मांगलिया, कुमेड़ी और बरदरी का किया दौरा

इंदौर। सिंहस्थ (Simhastha) 2028 के चलते प्रोजेक्ट नमामि गंगे और अमृत-2 (Namami Gange and Amrit-2) के तहत शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewerage Treatment Plant) बनाने से लेकर कान्ह (Kanh) में मिलने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए तमाम कार्य किए जाने हैं। इसको लेकर कलेक्टर आशीषसिंह (Ashish Singh)  ने निगम (Corporation) के कई अपर आयुक्तों और अफसरों के साथ विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और एसटीपी और सीईपीटी बनाए जाने वाले स्थानों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि एक्सपर्ट की सलाह के बगैर कोई भी कार्य नहीं किया जाए।

कान्ह नदी के अलग-अलग हिस्सों में गिरने वाले आउटफाल्स पहले ही मध्य क्षेत्र से लेकर कई अन्य इलाकों में बंद किए जा चुके हैं, लेकिन कई औद्योगिक क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में अभी भी नालों का गंदा पानी कान्ह नदी के हिस्सों में मिलता है। इसको लेकर नगर निगम ने अपने स्तर पर तैयारियां की हैं और औद्योगिक एवं घरेलू अपशिष्ट के निपटान हेतु एफल्यूंट ट्रीटमेंट प्लांट एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाना हैं। यह प्लांट चोइथराम मंडी, पालदा, गारीपीपल्या, मांगलिया, कुमेड़ी, बरदरी, बांगड़दा, सुपर कॉरिडोर क्षेत्र में बनाए जाएंगे। करोड़ों के एसटीपी और सीईपीटी बनाए जाना हैं और इसके लिए कुछ जगह जमीनें भी मिल गई हैं और कुछ जगह विवाद है, जिसका निराकरण आने वाले दिनों में होने की संभावना है। निरीक्षण के दौरान नगर निगम अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन, एसडीएम ओम बडक़ुल, सहायक यंत्री आरएस देवड़ा, उपयंत्री आकाश जैन, शुचि सिंघई सहित निगम के कई अधिकारी मौजूद रहे।

सलाह के बगैर काम किया तो खैर नहीं
कलेक्टर आशीषसिंह ने कल अफसरों के साथ करोड़ों के एसटीपी और उससे संबंधित अन्य कार्यों को लेकर अफसरों से जानकारी ली। बताया गया कि इसके लिए प्रोजेक्ट अमृत-2 और नमामि गंगे से करीब 600 करोड़ की राशि मिलना है और इसी के तहत प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे। वहां बनने वाले एसटीपी और अन्य कार्यों के माध्यम से कान्ह नदी में मिलने वले गंदे पानी के आउटफाल्स के साथ-साथ कई नालों का पानी भी रोका जाएगा। इसके लिए पहले दौर में सभी ऐसे स्थानों की सूची तैयार करने को कहा गया है, जहां औद्योगिक क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य रहवासी इलाकों का पानी भी कान्ह नदी के हिस्सों में जाता है।

इंदौर आईआईटी की भी मदद लेंगे
नगर निगम अफसरों के मुताबिक इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर प्रशासन और नगर निगम का यह प्रयास है कि कान्ह नदी के हिस्सों में खासकर बरदरी, कुमेड़ी, सांवेर रोड के साथ-साथ सुपर कॉरिडोर और कई अन्य इलाकों में गंदे नालों का पानी कान्ह नदी में मिलने से रोकना है, ताकि इसका गंदा पानी शिप्रा तक न पहुंचे। इस मामले में कलेक्टर ने कहा है कि इंदौर आईआईटी के एक्सपर्ट की मदद भी ली जाए, ताकि काम बेहतर ढंग से हो सके।

कई क्षेत्रों में फिर शुरू होंगे बड़े पैमाने पर लाइनें बिछाने के काम

नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र सांवेर रोड से लेकर निपानिया गांव, ट्रांसपोर्ट नगर, पंचवटी, कुमेड़ी, बरदरी, अरबिंदो के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर गंदे पानी के आउटफाल्स रोकने के लिए ड्रेनेज की बड़ी नई मेन लाइन बछाई जाएगी, ताकि उनमें आसपास के क्षेत्रों के ड्रेनेज कनेक्शन जोड़े जा सकें, ताकि उनका पानी कान्ह नदी में जाने से रोका जा सके।

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