मालदीव को बहुत महंगा पड़ रहा इंडिया से विवाद! माफी के बाद अब लगा यह शॉक

नई दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच चल रहे राजनयिक विवाद की वजह से मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 33 प्रतिशत की गिरावट आई है. मालदीव की वेबसाइट अधाधू ने मालदीव पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी है.

मालदीव पर्यटन मंत्रालय के साल 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 4 मार्च तक मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 41,054 थी. वहीं इस वर्ष 2 मार्च तक यह संख्या घटकर 27,224 हो गई है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 13,830 कम है. अधाधू के मुताबिक पिछले साल मालदीव पर्यटन में भारत की हिस्सेदारी 10 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर थी. इस साल यह घटकर 6 फीसदी पर पहुंच गई और बाजार हिस्सेदारी के साथ सूची में छठे स्थान पर आ गया है.

मुइज्जू के राष्ट्रपति बनते ही बिगड़ा महौल
चीन समर्थक नेता राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नवंबर 2023 में शपथ लेने और मालदीव की ‘संप्रभुता’ सुनिश्चित करने की कसम खाने के कुछ घंटों बाद राजनयिक विवाद शुरू हुआ था. इस दौरान मुइज्जू के पहले कदमों में से एक भारत से अपने सभी सैनिकों को वापस लेने की मांग करना था. मुइज्जू ने मालदीव की परंपरा तोड़ते हुए अपनी पहली विदेश यात्रा पर नई दिल्ली के बजाय बीजिंग जाने का फैसला किया.

विवाद तब और बिगड़ गया जब मालदीव के तीन उपमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां की. दरअसल, पीएम मोदी ने लक्षद्वीप यात्रा और भारतीय द्वीप समूह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का आह्वान किया था. मालदीव के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणी के बाद नई दिल्ली ने मालदीव के दूत को तलब किया और वायरल पोस्ट के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया. इसके बाद तीनों उपमंत्रियों को निलंबित कर दिया गया.

चीनी पर्यटक जा रहे मालदीव
अधाधू की रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स (MATATO) ने भारतीय पर्यटकों द्वारा बुकिंग रद्द करने से जुड़ा एक सर्वेक्षण भी किया, लेकिन रिजल्ट सार्वजनिक नहीं किए गए. हालांकि, चीन और मालदीव के बीच संबंध मजबूत होने के कारण इस साल अब तक 54,000 से अधिक पर्यटकों के आगमन के साथ चीन शीर्ष बाजार बन गया है.

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