पितृ पक्ष में करें दीपक से जुड़े 5 उपाय, धन की नहीं होगी कमी

उज्‍जैन (Ujjain)। हिन्दू और सनातन धर्म (paternal side) में दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि उनकी कोई भी पूजा बिना दीपक जलाए पूरी नहीं होती है] हालांकि, शास्‍त्रों में हर देवी-देवता के लिए अलग-अलग तरह से दीपक जलाने के बारे में बताया गया है. जैसे- मां लक्ष्‍मी को घी का दीपक प्रिय है, वहीं हनुमान जी को चमेली के तेल और शनि देव को सरसों के तेल का दीपक अतिप्रिय है।

नियमित दीपक या जोत जलाने से घर में सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होता है और देवगण प्रसन्‍न होते हैं। इसी तरह पितृ पक्ष में भी दीपक जलाना शुभ माना गया है. बता दें कि, 28 सितंबर 2023 से पितृ पक्ष शुरू होने वाले हैं। ऐसे में 15 दिन चलने वाले पितृ पक्ष में यदि आप सही दिशा में दीपक जलाते हैं तो आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा. साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होंगी. आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकांत मिश्र से जानते हैं कि पितृ पक्ष में घर की इस दिशा में दीपक जलाना शुभ माना गया है।

पितृ पक्ष में दक्षिण दिशा में जलाएं दीपक:
वैसे तो कई घरों में सुबह की पूजा और शाम को संध्‍यावंदन के समय दीपक जरूर जलाया जाता है, लेकिन पितृ पक्ष के दौरान रोजाना एक दीपक जलाकर दक्षिण दिशा में रखना बेहद शुभ माना जाता है।

ईशान कोण में जलाएं घी का दीपक:
रोजाना घर के ईशान कोण (उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा) में गाय के घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्‍मी आप पर कृपा बरसाएंगी. इससे घर में कभी आर्थिक समस्‍याएं नहीं होती हैं. रोज ऐसा करने से पितृ बेहद प्रसन्‍न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

पीपल के पेड़ पर जलाएं दीपक:
पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ पर दीपक जलाने के पितर प्रसन्न होते हैं. माना जाता है कि पीपल के पेड़ पर देवी-देवताओं के साथ ही पितरों का भी वास होता है. ऐसे में यदि आप पितृ पक्ष के दौरान रोजाना पीपल में जल देकर घी का दीपक जलाएं तो उनका आशीर्वाद मिलेगा. इसके अलावा पितृ दोष से निजात भी मिल जाएगी.

किचन में पानी के पास दीपक जलाएं:
ज्योतिषशास्त्र में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिनको करने से पितर प्रसन्न होते हैं। बता दें कि, यदि आप पितृ पक्ष के दौरान नियमित शाम को किचन में पीने के पानी के पास दीपक जलाएं तो पितरों का तो आशीर्वाद मिलेगा ही. साथ ही मां लक्ष्‍मी और मां अन्‍नपूर्णा दोनों भी प्रसन्‍न होंगी।

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