‘सरकार का विरोध करने के लिए देश को बदनाम न करें’, सुन्नी स्टूडेंट्स फेडरेशन ने पारित किया प्रस्ताव

तिरुवनंतपुरम। सुन्नी स्टूडेंट्स फेडरेशन (SSF) ने कहा है कि देश की सत्तारूढ़ व्यवस्था को ठीक करने के लिए विरोध करना सही है लेकिन यह राष्ट्र के खिलाफ नफरत पैदा करके नहीं होना चाहिए। समस्थ केरल जेम-इय्याथुल उलेमा के एपी कंथापुरम अबूबकर मुसलियार गुट के छात्र संगठन एसएसएफ के राज्य सम्मेलन में रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए देश को बदनाम करने की कोई जरूरत नहीं है।

इस्लाम नफरत को फासीवाद की ओर मोड़ना स्वीकार नहीं करता: सुन्नी स्टूडेंट्स फेडरेशन
सुन्नी स्टूडेंट्स फेडरेशन के प्रस्ताव में कहा गया है कि इस्लाम नफरत को फासीवाद की ओर मोड़ना और उसकी हिंसक प्रकृति को देश के खिलाफ नफरत में बदलना स्वीकार नहीं कर सकता। प्रस्ताव में लिखा है सत्ता में बैठी सरकार में सुधार होना चाहिए, लेकिन देश के खिलाफ नफरत पैदा करके नहीं।

देश और उसकी सत्तारूढ़ व्यवस्था को दो अलग-अलग संस्थाओं के रूप में देखा जाना चाहिए
प्रस्ताव में कहा गया है कि देश और उसकी सत्तारूढ़ व्यवस्था को दो अलग-अलग संस्थाओं के रूप में देखा जाना चाहिए और सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए देश को बदनाम करने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार के खिलाफ कड़ी आलोचना करते हुए भी राष्ट्र के मूल्यों को बिना कोई समझौता किए, बनाए रखा जाना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया है कि संघ परिवार की नफरत की राजनीति का मुकाबला नफरत फैलाने वाली नीति से नहीं किया जाना चाहिए। हमारा देश युगों से धर्मनिरपेक्ष रहा है। उस संस्कृति को कलंकित नहीं किया जाना चाहिए।

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