निगम का ड्रैनेज घोटाला, कार की डिक्की से दो लोग फाइलें चुराते आए नजर, अब पुलिस लगाएगी पता


हस्ताक्षरों के नमूने लेने के साथ सीसीटीवी फुटेज भी जब्त

इंदौर। नगर निगम (Municipal council) में उजागर हुए 28.76 करोड़ के ड्रैनेज घोटाले (Drainage scam) का हल्ला मचा है, जिसकी थाना एमजी रोड द्वारा एफआईआर (FIR) दर्ज करने के साथ जांच की जा रही है। जब्त दस्तावेजों में जिन निगम अधिकारियों-कर्मचारियों के हस्ताक्षर फर्जी बताए गए हैं उसकी फॉरेंसिक (forensics) जांच कराई जाएगी, जिसके लिए हस्ताक्षरों के 20-20 नमूने भी पुलिस ने हासिल किए हैं, जिनकी जांच हस्ताक्षर विशेषज्ञ करेंगे। दूसरी तरफ सीसीटीवी (CCTV) फुटेज भी जब्त किया है, जिसमें निगम परिसर में खड़ी कार की डिक्की से इस घोटाले से जुड़ी फाइलों को चोरी करते दो लोग नजर आ रहे हैं। अब पुलिस इनकी शिनाख्त करने में भी जुटी है।

अभी तीन दिन पहले नगर निगम ने थाना एमजी रोड पर इस घोटाले की एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें 5 फर्मों और उनके कर्ताधर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। ये सभी फरार हो गई और एक को कोर्ट ने जमानत देने से भी कल इनकार कर दिया। पिछले दिनों अग्रिबाण ने इस पूरे घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किए, जिसमें यह भी बताया कि निगम के कार्यपालन यंत्री की कार की डिक्की से इस घोटाले से जुड़ी फाइलों को चुरा लिया। उसकी भी निगम द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई है। अब सीसीटीवी फुटेज में यह दिख रहा है कि दो लोग डिक्की खोलकर फाइलें ले जा रहे हैं। अब उनकी पड़ताल यानी शिनाख्त पुलिस द्वारा की जाएगी कि ये कौन लोग हैं। दूसरी तरफ आयुक्त शिवम वर्मा का कहना है कि निगम को आर्थिक हानि पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उनके निगम के अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे हों, कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं धोखाधड़ी करने वाली फर्मों और उनके प्रोप्राइटरों को ब्लैक लिस्टेड करते हुए उनसे जुड़े सभी टेंडरों और कार्यों के भुगतान पर भी रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है कि आयुक्त वर्मा ने एक आदेश जारी करते हुए, नगर पालिक निगम, इंदौर के ड्रेनेज विभाग से संबंधित विभिन्न कार्यों के 20 देयकों की कूटरचना करते हुए नगर पालिक निगम, इंदौर के कोष से राशि रूपये 28.76 करोड का भुगतान प्राप्त करने के प्रयास के संबंध में निगम स्तर से की गई प्राथमिक जॉच में (1) मेसर्स नीव कंस्ट्रक्शन इंदौर, प्रोप्रा. मो. साजिद, 147, मदीना नगर, इंदौर (2) मेसर्स ग्रीन कंस्ट्रक्शन इंदौर, प्रोप्रा. मो. सिद्धीकी, 147, मदीना नगर, इंदौर (3) मेसर्स क्षितिज इन्टरप्राईजेस प्रोप्रा. श्रीमती रेणु बडेरा, 6, आशीष नगर, इंदौर (4) मेसर्स जहान्वी इन्टरप्राईजेस प्रोप्रा. राहुल बडेरा, 12, आशीष नगर, इंदौर (5) मेसर्स किंग कंस्ट्रशन इंदौर, प्रोप्रा. मो. जाकिर, 147, मदीना नगर, इंदौर को संलिप्त पाया गया है । उपरोक्त घटनाक्रम के अनुक्रम में आयुक्त श्री शिवम वर्मा द्वारा एजेसियों पर वैधानिक कार्यवाही करते हुए नगर पालिक निगम, इंदौर की ओर से महात्मा गांधी रोड (एम.जी. रोड) थाना इंदौर में दिनांक 16/04/24 को एफआईआर दर्ज कराई गई है। साथ ही इन एजेसियों एवं इनके प्रोपराईटर्स के उक्त कृत्यों को दृष्टिगत रखते हुए उल्लेखित फर्मों एवं इनके प्रोप्राराईटरशिप / पार्टनरशिप की अन्य समस्त फर्मो को नगर पालिक निगम, इंदौर की समस्त निविदाओं एवं कार्यों के लिये तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित /ब्लेक लिस्टेड करते हुए इनके समस्त भुगतानों पर भी आगामी निर्णय/आदेश तक रोक लगाई गई। विदित हो कि आयुक्त शिवम वर्मा द्वारा निगम को आर्थिक हानि पहुंचाने का प्रयास करने पर कड़ा रुख अपनाते हुए निगम के अधिकारियों अथवा कर्मचारियों की संलिप्तता होने और ई नगर पालिका मे प्रविष्टियों के संबंध में आईटी सेल से जांच कराने हेतु अपर आयुक्त श्री सिद्धार्थ जैन की अध्यक्षता में जॉच समिति का गठन किया गया है, गठित जॉच समिति में अपर आयुक्त लेखा श्री देवघर दरवई, श्री आर एस देवड़ा सहायक यंत्री, श्री रमेश चंद्र शर्मा सहायक लेखा अधिकारी, श्री अभिनव राय प्रभारी अधिकारी आईटी सेल श्री आशीष तागड़े सहायक लेखापाल रुपेश काले सहायक लेखापाल की गठित की गई। आयुक्त श्री शिवम वर्मा द्वारा समिति को निर्देशित किया गया कि जॉच में कोई भी दोषी, अपचारी अधिकारी/कर्मचारी जो उपरोक्त प्रकरणों में सम्मिलित है, वह किसी भी कारण से बच नहीं सके तथा दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।

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