Drugs Controller General of India ने की रूस के स्पुतनिक लाइट वन शॉट वैक्सीन की सिफारिश

नई दिल्‍ली । ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (Subject Expert Committee) ने रूस के स्पुतनिक लाइट ( Sputnik Light )वन शॉट कोविड-19 वैक्सीन की सिफारिश की है. स्पुतनिक लाइट वैक्सीन कोरोनावायरस के सभी स्ट्रेन के खिलाफ कारगर है. सिंगल डोज दिए जाने के 28 दिन बाद 96.6 परसेंट लोगों में IgG एंटीबॉडी पाई गई है. वैक्सीन दिए जाने के 28 दिन बाद स्पुतनिक लाइट वैक्सीन 91.67 फीसदी वायरस को मारने वाली एंटीबॉडी बनाती है. टीका देने के 10 दिन बाद 100 फीसद वॉलंटियर्स में SARS-CoV-2 के खिलाफ एस प्रोटीन बनते देखा गया है.

उल्‍लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर में ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने भारत में रूस की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए इजाजत दी थी. स्पुतनिक लाइट को ट्रायल की मंजूरी देने के लिए कोरोना पर बनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने सिफारिश की थी. स्पुतनिक लाइट वैक्सीन देने के बाद किसी व्यक्ति में खतरनाक साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं.

स्पुतनिक-वी और स्पुतनिक लाइट की ये है आपसी तुलना 
स्पुतनिक-वी और स्पुतनिक लाइट में सबसे बड़ा फर्क डोज का है. स्पुतनिक-वी का टीका दो बार लेना पड़ता है जबकी स्पुतनिक लाइट का एक डोज ही काफी है. हालांकि, दोनों के असर की बात करें तो लैंसेट (Lancet) की एक स्टडी के मुताबिक कोविड-19 वायरस के खिलाफ स्पुतनिक लाइट के मुकाबले स्पुतनिक-वी का टीका ज्यादा कारगर है. दो डोज में दिया जाने वाले स्पुतनिक-वी में दो अलग-अलग वैक्टर का इस्तेमाल किया गया है.

कोरोना के खिलाफ स्पुतनिक-वी का प्रभाव करीब 91.6 फीसदी है, जबकि स्पुतनिक लाइट का प्रभाव इस वायरस पर 78.6 से 83.7 फीसदी के बीच है. स्टडी में बताया गया है कि स्पुतनिक लाइट से मरीज के अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 87.6 फीसदी तक कम हो जाता है.

वहींं स्पुतनिक-वी ओमिक्रॉन के खिलाफ 75 प्रतिशत तक प्रभावी है. गमालेया प्रमुख ने कहा कि अगर किसी को छह महीने में स्पुतनिक लाइट बूस्टर डोज दी जाती है तो इस नए वायरस के खिलाफ उसकी सुरक्षा 100 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. उन्होंने आगे कहा कि जब किसी को कोई भी वैक्सीन डोज दी जाती है तो उसकी प्रभावशीलता 21 गुना कम हो जाती है, जबकि स्पुतनिक वी में यह केवल आठ गुना कम होती है. हालांकि इतनी सुरक्षा अभी भी पर्याप्त है.

 

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