300 करोड़ की इंदौर-धार में जब्त सम्पत्तियों को ईडी ट्रिब्यूनल से मिली मंजूरी

  • पिछले साल दीपक मद्दे, हनी-टनी के साथ पिपाड़ा व अन्य के खिलाफ ईडी ने की थी कार्रवाई, खजरानी, बिचौलीहब्सी सहित अन्य स्थानों पर हैं ये बेशकीमती जमीनें, दुकान और फ्लैट

इंदौर। अभी ईडी द्वारा लगातार देशभर में कार्रवाई की जा रही है, जिसके निशाने पर विपक्षी नेता प्रमुखता से हैं, वहीं इंदौर के भूमाफियाओं के खिलाफ भी पिछले साल ईडी ने छापामार कार्रवाई तो की ही, वहीं उनकी कई सम्पत्तियों को भी जब्त कर लिया था। इसी तरह की कार्रवाई धार में भी की गई थी, जहां से 150 करोड़ रुपए से अधिक की बाजार मूल्य की सम्पत्तियों को जब्त किया गया था। अभी ईडी ट्रिब्यूनल ने इन जब्त की गई सम्पत्तियों को मंजूरी भी दे दी। दीपक मद्दे, हनी-टनी, पिपाड़ा सहित अन्य की इंदौरी सम्पत्तियों को जब्त किया गया है।

इंदौर का चर्चित भूमाफिया दीपक मद्दा तो लगभग एक साल से जेल में ही बंद है। दरअसल उसके खिलाफ ईडी ने ही पुख्ता कार्रवाई की अन्यथा प्रदेश के पुलिस प्रशासन तो उसे पहले गिरफ्तार नहीं कर पाया, उसके बाद वह जमानतों का लाभ अलग लेता रहा। मद्दे के अलावा हनी-टनी, संघवी से लेकर पीपाड़ा व अन्य की इन सम्पत्तियों को गत वर्ष ईडी ने जब्त कर लिया था। खजरानी की अयोध्यापुरी में स्थित सिम्प्लैक्स इन्वेस्टमेंट एंड मेगा फाइनेंस की जो जमीन हड़पी गई और भूखंड पीडि़त इसे छुड़ाने के प्रयास करते रहे वह 1.619 हेक्टेयर जमीन भी ईडी ने जब्त कर रखी है। इसी तरह ओमप्रकाश धनवानी उर्फ टनी की खजराना में ढाई एकड़ जमीन के अलावा केशव नाचानी के सहज रेसीडेंसी स्थित फ्लेट और तेजपुर गड़बड़ी स्थित चार हजार स्क्वेयर फीट से अधिक के भूखंड और बड़ा सराफा स्थित दुकान के अलावा अशोक पीपाड़ा की भिचौली मर्दाना में प्रगति विहार की जमीन के अलावा गीरधर नगर के भूखंड को भी जब्त किया गया है।

इसी तरह समता रियलिटी के भी आरएनटी मार्ग स्थित ऑफिस के अलावा अन्य सम्पत्तियों की जब्ती ईडी ने की थी। पिछले साल ईडी ने दीपक मद्दे सहित अन्य के ठिकानों पर छापे भी मारे और दस्तावेजों के साथ नकदी जब्त की और उसी आधार पर इन सम्पत्तियों को अटैच किया गया। 150 करोड़ रुपए मूल्य से अधिक की ये इंदौर की सम्पत्तियां बताई जाती है। हालांकि भूमाफियाओं के कब्जों में अभी भी करोड़ों-अरबों रुपए की जमीनें हैं, जिनके खिलाफ पुलिस, प्रशासन, सहकारिता लगातार कार्रवाई करते रहे हैं। वहीं ईडी ने धार में भी हुए जमीन घोटाले के मामले में लगभग 58 सम्पत्तियों को जब्त किया था, जिसकी गाइडलाइन के मुताबिक साढ़े 8 करोड़ रुपए और बाजार दर से 150 करोड़ रुपए से अधिक की कीमत ईडी ने आंकी है। ये सम्पत्तियां इस घोटाले के मास्टरमाइंड पीटर दास और सुधीर रत्नाकर व अन्य लोगों के नाम पर रही है। इस जमीन घोटाले में यह तथ्य सामने आए कि धार के तत्कालीन महाराजा ने कनाड़ाई रेस्बीटेरियन मिशन की डॉ. मार्गरेट ओहोरा को यह जमीन महिला अस्पताल और चिकित्सकों के मकानों को बनाने के लिए दी गई थी, मगर बाद में जब मार्गरेट ओहोरा कनाड़ा चली गईं, तब यह जमीन सरकारी खाते में दर्ज हो गई, जिसे बाद में हड़प लिया गया।

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