कोर्ट ने तीखी टिप्पणी: खूंखार अपराधी है मुख्तार अंसारी, जनता में बिठाया खौफ

नई दिल्‍ली (New Delhi)। बसपा के पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने तीखी टिप्पणी की है। अदालत ने मंगलवार को मुख्तार (mukhtar ansari) के खिलाफ सुनवाई के दौरान कहा कि वह खूंखार अपराधी है, जिसने खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और पंकज मित्तल की बेंच ने मुख्तार अंसारी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए ये बातें कहीं।

अंसारी ने यूपी सरकार के गैंगस्टर ऐंक्ट के तहत खुद को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। जस्टिस त्रिवेदी ने कहा, ‘वह खूंखार अपराधी है। उसके खिलाफ तमाम केस हैं।’ अब अदालत ने अंसारी से एफिडेविट दाखिल करने की मांग की है और मामले को 2 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है।


दरअसल गैंगस्टर ऐक्ट के तहत सितंबर 2022 में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार अंसारी को 5 साल कैद और 50 हजार रुपये फाइन की सजा सुनाई थी। इसी को चुनौती देते हुए मुख्तार अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। यह सजा उसे 1999 में दर्ज केस में दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि मुख्तार अंसारी एक खूंखार अपराधी है। उसने गैंग बना रखी है, जिसके जरिए वह किडनैपिंग, मर्डर, फिरौती जैसे खतरनाक अपराधों को अंजाम देता रहा है। एफआईआर के अनुसार अंसारी का लोगों के दिलों दिमाग पर खैफ है। यहां तक कि उसके खिलाफ लोग केस दर्ज कराने में भी डरते हैं।

यही नहीं आम लोग उससे डरते हैं। लखनऊ और आसपास के इलाकों में उसका खौफ है। दरअसल गैंगस्टर ऐक्ट के तहत 2020 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया था। फिर इस आदेश को हाई कोर्ट में सरकार ने चुनौती दी थी, जिसने निचली अदालत के ऑर्डर को पलट दिया। इसके बाद मुख्तार अंसारी सुप्रीम कोर्ट चला गया।
अर्जी पर शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था। इस पर जवाब देते हुए यूपी सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि मुख्तार ने आतंक का साम्राज्य स्थापित कर रखा था। फिलहाल मुख्तार अंसारी जेल में बंद है। कोर्ट ने अब इस मामले में 2 अप्रैल को सुनवाई का फैसला लिया है।

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