इस सीट पर चुनाव की तारीखों में बदलाव, अब छठे चरण में होगा मतदान

नई दिल्‍ली(New Delhi) । चुनाव आयोग (election Commission)ने जम्‍मू-कश्‍मीर की अनंतनाग- राजौरी लोकसभा सीट(Anantnag-Rajouri Lok Sabha seat) पर चुनाव की तारीख (election date)में बदलाव किया है। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार यहां तीसरे चरण के तहत सात मई को मतदान होना था। अब यहां 25 मई को छठे चरण के चुनाव के दौरान मतदान होगा। चुनाव आयोग ने कई राजनीतिक पार्टियों के चुनाव की तारीखों के आगे बढ़ाने की मांग और जमीनी परिस्थितियों को देखने के बाद यह निर्णय लिया है।

चुनाव आयोग की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया,’आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की रिपोर्ट पर विचार करने के साथ-साथ उक्त निर्वाचन क्षेत्र में मौजूदा जमीनी स्थिति का विश्लेषण करने के बाद, लोक प्रतिनिधत्वि अधिनियम, 1951 की धारा 56 के तहत उक्त संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की तारीख को संशोधित करने का निर्णय लिया है।’

चुनाव आयोग ने कहा,’राजनीतिक दलों ने लॉजस्टिकि, संचार और कनेक्टिविटी की प्राकृतिक बाधाओं का हवाला दिया था जो चुनाव प्रचार में बाधा बनती हैं।’व उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियां उक्त संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए उचित अवसरों की कमी के समान हैं, जो चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 के तहत दो चरणों का मतदान हो चुका है। सात मई को अब तीसरे चरण के चुनाव होने हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर केंद्र शासित प्रदेश में लोकसभा की कुल पांच सीटें हैं। सुरक्षा के मद्देनजर अलग-अलग चरणों में इन सीटों पर वोटिंग करवाई जा रही है। देश भर में कुल सात चरणों में मतदान के बाद चार जून को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे।

जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, डीपीएपी और भारतीय जनता पार्टी ने 22 अप्रैल को चुनाव आयोग से चुनाव में टालने की अपील की थी। इसके अलावा बर्फबारी और भूस्खलन का हवाला दिया था। उनका कहना था कि अनंतनाग और रजौरी को जोड़ने वाली एकमात्र मुगल रोड ब्लॉक हो गई है, जिसके कारण उनका प्रचार रुक गया है। इसके बाद आयोग ने 25 अप्रैल को मुख्य सचिव अटल डुल्लू और मुख्य निर्वाचन आधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी।

इधर, पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आयोग से चुनाव स्थगित नहीं करने के लिए कहा था। 26 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अब्दुल्ला ने कहा था कि चुनाव में बदलाव की मांग सभी दलों की नहीं और कुछ ही पार्टियों की है। इससे पहले मुफ्ती ने कहा था कि क्षेत्र का परिसीमन भाजपा का चुनाव अपने पक्ष में करने का प्रयास थे।

पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का कहना है, ‘चुनाव की प्रक्रिया में संभावित रूप से खलल डालने वाले मुद्दों का ध्यान रखना चुनाव आयोग के लिए असामान्य नहीं है।’

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