चुनाव आयोग ने जारी किया इलेक्टोरल बॉण्ड से जुड़ा डेटा, जानें भाजपा-कांग्रेस समेत किसे मिला कितना चंदा

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने चुनावी बॉण्ड (electoral bond) को लेकर नया डेटा (Data) रविवार को सार्वजनिक (Public) कर दिया। यह डेटा आयोग ने सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय (Supreme court) को सौंपा था। न्यायालय ने बाद में आयोग से यह डेटा सार्वजनिक करने के लिए कहा था। माना जा रहा है कि ये विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैं। आयोग ने पिछले सप्ताह उपरोक्त तारीख के बाद के चुनावी बॉण्ड से संबंधित विवरण को सार्वजनिक किया था। बता दें कि चुनाव आयोग ने 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद डेटा जारी किया।

आयोग ने एक बयान में कहा कि राजनीतिक दलों ने उच्चतम न्यायालय के 12 अप्रैल, 2019 के अंतरिम आदेश के अनुसार सीलबंद लिफाफे में चुनावी बॉण्ड से संबंधित डेटा दाखिल किया था। आयोग ने कहा कि “राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय में जमा किया गया था। 15 मार्च, 2024 के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए न्यायालय की रजिस्ट्री ने सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ भौतिक प्रतियां वापस कर दीं। आयोग ने आज चुनावी बॉण्ड को लेकर उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।”

चुनाव आयोग के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार-

  • भाजपा ने कुल 6,986.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड भुनाए। इसमें पार्टी को 2019-20 में सबसे ज्यादा 2,555 करोड़ रुपये मिले।
  • कांग्रेस पार्टी ने चुनावी बॉण्ड के जरिए कुल 1,334.35 करोड़ रुपये भुनाए।
  • बीजद (BJD) ने 944.5 करोड़ रुपये,
  • वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) ने 442.8 करोड़ रुपये,
  • तेदेपा (TDP) ने 181.35 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड भुनाए
  • मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने कहा है कि उसे चुनावी बांड के जरिए कोई चंदा नहीं मिला है। इसके साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई ने कहा कि उसे भी चुनावी बांड के माध्यम से चंदा नहीं मिला।

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