इंजीनियरों को वेतनमान के अनुसार मिलेगा उच्च पद

  • गृह और जेल विभाग के बाद अब लोक निर्माण विभाग की तैयारी

भोपाल। मप्र के लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है, प्रदेश की शिवराज सरकार की पदोन्नति को लेकर बड़ी तैयारी है। खबर है कि लोक निर्माण विभाग में इंजीनियरों को उच्च पद का प्रभार दिया जाएगा, इसमें वेतनमान के अनुसार उच्च पद मिलेगा। हालांकि इसमें कुछ नियम और शर्तें भी रहेंगी। इसके लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में करीब सात साल से पदोन्नति पर रोक लगी। इस अवधि में 70,000 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और करीब 36,000 को पदोन्नति नहीं मिली है, ऐसे में कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने नाराज कर्मचारियों को मनाने के लिए उच्च पद का प्रभार देने का विकल्प अपनाया है। गृह और जेल विभाग इसे लागू कर चुके। अब लोक निर्माण विभाग में इंजीनियरों को उच्च पद दिया जाएगा। इसमें वेतनमान के अनुसार उच्च पद मिलेगा। इसका प्रस्ताव तैयार करके कैबिनेट निर्णय के लिए भेजा गया है, जिसे अनुमति मिलने पर सभी निर्माण विभागों में लागू कर दिया जाएगा।

इस तरह मिलेगा उच्च पद का लाभ
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के बाद ही अब लोक निर्माण विभाग ने इंजीनियरों को वेतनमान के आधार पर उच्च पद देने की तैयारी है। प्रस्ताव के अनुसार सहायक अभियंता के तौर पर छह साल की सेवा पूरी होने पर कार्यपालन यंत्री का पदनाम मिल जाएगा। इसी तरह कार्यपालन यंत्री पद पर पांच साल की सेवा पर अधीक्षण यंत्री और अधीक्षण यंत्री पद पर भी पांच साल की सेवा पर मुख्य अभियंता पदनाम मिल जाएगा। हालांकि इसके लिए सेवा अभिलेख देखा जाएगा। यदि कोई जांच प्रचलन में होगी, तो इस व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा। जानकारी के मुताबिक पदोन्नति के मामले में निर्माण विभाग के इंजीनियर ही न्यायालय में गए थे। उनकी याचिका पर ही नियम को रद्द किया गया, जिसके विरुद्ध सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। वहां प्रकरण विचाराधीन है। उधर, हर साल छह-सात हजार कर्मचारी बिना पदोन्नत हुए ही सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। इससे अनुसूचित जाति-जनजाति और सामान्य वर्ग के कर्मचारियों में नाराजगी भी है। कर्मचारी संगठन पदोन्नति दिए जाने को लेकर समय-समय पर आंदोलन करते रहते हैं।
पिछले दिनों अनुसूचित जाति- जनजाति वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संगठन (अजाक्स) ने भोपाल में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन कर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की थी।

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