हत्‍या की जांच करते-करते बीते गए तीन साल, अब हुआ अंतिम संस्कार, जाने क्‍या है पूरी कहानी

इटावा (Etawah) । उस लड़की (Girl) की उम्र महज 19 साल थी. तीन साल पहले अचानक वो अपने घर से लापता (missing) हो गई थी. घरवालों ने उसे बहुत तलाश किया लेकिन वो नहीं मिली. फिर 8 दिन बाद उस लड़की की जली हुई लाश (dead body) अचानक गांव के एक खेत से बरामद होती है. चेहरा बुरी तरह जल चुका था. शिनाख्त मुश्किल थी. लेकिन बावजूद इसके लापता लड़की के घरवाले दावा करते हैं कि मरने वाली उनकी ही बेटी थी. लेकिन इस मामले में पुलिस ने जिस तरह से तफ्तीश की, वो बेहद हैरान करने वाला है. इस मामले में लड़की की शिनाख्त करने में तीन साल लग गए. और इस पूरे मामले की कहानी हैरान करने वाली है.

ये कहानी है उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की. जहां थाना जसवंतनगर इलाके में चक सलेमपुर गांव है. 19 सितंबर 2020 को रीता नाम की 19 वर्षीय लड़की अपने घर से लापता हो जाती है, तो उसके परिवारवाले उसे खोजने में जुट जाते हैं. जब रीता नहीं मिलती है, तो परिजन पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत करने भी जाते हैं. लेकिन उसके आठ दिन बाद ही गांव में एक खेत में उसे लड़की का जला हुआ कंकाल बरामद होता है.

लड़की के माता-पिता चप्पल, अंगूठी और कुछ सामान से उसकी पहचान रीता के तौर पर करते हैं. वो उस मुर्दा जिस्म को अपनी बेटी रीता की लाश बताते हैं. लेकिन संबंधित थाने की पुलिस उनको वो लाश नहीं देती. पुलिस जांच पुख्ता करने की बात कहती है. इसके बाद मामला और उलझ जाता है. आखिरकार बाद में पुलिस लाश की डीएनए जांच करवाती है, लेकिन उसकी रिपोर्ट क्लियर नहीं आती. इसके बाद परिजन दोबारा अधिकारियों के चक्कर काटते हैं और कोर्ट के आदेश पर फिर से लाश की डीएनए जांच होती है.

इस बार भी रिपोर्ट में मिसमैच ही आता है. इन हालात के चलते लड़की की लाश को पोस्टमॉर्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखा जाता है. समय बीतता जाता है. और इस तरह से 3 साल बीत जाते हैं. ऐसे हालात में परिजन लगातार अपने दावे पर कायम रहते हैं और अधिकारियों से शिकायत के बाद अंत में इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार इसकी जांच तत्कालीन एसपी सिटी कपिल देव सिंह को सौंपते हैं.

एक बार फिर से यानी तीसरी बार लाश का डीएनए जांच के लिए हैदराबाद भेजा जाता है. तीसरी बार जांच रिपोर्ट सही आती है. परिजनों का दावा सच साबित होता है और लड़की की लाश या यूं कहें कि कंकाल 31 जनवरी 2023 को मजिस्ट्रेट और अधिकारियों के निगरानी में चक सलेमपुर में मौजूद उनके खेत में दफनाया दिया जाता है.

अब रीता की मां का रो-रो कर बुरा हाल है. उसके भाई कहते हैं कि उनको इंसाफ चाहिए. जिन लोगों ने उनकी बेटी को जलाया है. उसकी हत्या की है. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले में मिली भगत करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए.

जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि सितंबर 2020 को जला हुआ कंकाल मिला था, उस समय शव परीक्षण के लिए भेजा गया था. परीक्षण रिमाइंडर के बाद आया था, जिसमें अंबिगुअस रिपोर्ट आई हुई थी. उस रिपोर्ट के निस्तारण करने के लिए हैदराबाद से 3 महीने पहले रिजल्ट आया था. हैदराबाद से रिपोर्ट पॉजीटिव आई. मां-बाप क्लेम कर रहे थे तो वही उसके मां-बाप थे.

एसएसपी ने बताया कि जसवंतनगर थाना क्षेत्र में चेक सलेमपुर गांव पड़ता है. वहां कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. उसकी तफ्तीश भी कड़ाई से की जाएगी. नियमानुसार शव को डीप फ्रीजर से निकाल करके मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया है. जो भी लोग गुनहगार हैं, उनको सही जगह पहुंचाने का काम किया जाएगा.

एसएसपी संजय कुमार ने बताया कि यह मामला 2020 का था. सबसे पहले जो भी कंकाल मिलता है. उसका परीक्षण पहले कराया जाता है. इसका परीक्षण बहुत लेट हुआ. परीक्षण रिपोर्ट हैदराबाद से स्पष्ट आने के बाद ही अंतिम संस्कार मजिस्ट्रेट और परिवार के साथ कराया गया है. जो भी मुकदमा दर्ज है, उस पर अभियान चला करके उस पर कड़ी कार्रवाई कराई जा रही है.

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