ब्रिटेन में होने वाला है विस्फोटक खुलासा, 30 हजार लोग कैसे हो गए HIV संक्रमित, सबसे बड़ा हेल्थ स्कैंडल

लंदन: ब्रिटेन (britain) के रक्त संक्रमण घोटाले (blood transfusion scam) की जांच की अंतिम रिपोर्ट छह साल बाद सोमवार को जारी की जाएगी। इसे ब्रिटेन के सबसे बड़े स्वास्थ्य घोटाले (health scandal) में गिना जाता है, जिसके चलते 1970 से 1980 के दशक में दूषित रक्त चढ़ाने से हजारों लोग एचआईवी (hiv) और हेपेटाइटिस (hepatitis) से संक्रमित हुए थे। इस स्कैंडल ने ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (nhs) को हिलाकर रख दिया था। माना जाता है कि इन संक्रमणों के परिणामस्वरूप ब्रिटेन में लगभग 3000 लोगों की मौत हुई थी। लगभग छह साल पहले इस रक्त संक्रमण के मामले की जांच शुरू की गई थी।

क्या था ब्रिटेन का संक्रमित रक्त घोटाला?
1970 और 1980 के दशक में ऐसे हजारों लोग जिन्हें रक्त चढ़ाया गया, वे हेपेटाइटिस के संपर्क में आए। इसमें हेपेटाइटिस सी और एचआईवी भी शामिल था। एनएचएस ने 1970 के दशक की शुरुआत में हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों के लिए रक्त प्लाज्मा से प्राप्त एक नए इलाज फैक्टर-VIII की शुरुआत की। इस इलाज के लिए रक्त की भारी मांग हुई, जिसके लिए एनएचएस ने अमेरिका से फैक्टर VIII का आयात किया, जहां प्लाज्मा दान करने वाले अक्सर कैदी और नशीली दवाओं के उपयोगकर्ता थे। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता था।

फैक्टर VIII के निर्माण के लिए हजारों डोनर के प्लाज्मा को मिलाया जाता था। इसका मतलब है कि एक भी संक्रमित डोनर अगर उसमें शामिल हुआ तो पूरा बैच दूषित हो सकता है। जांच में अनुमान लगाया गया कि 30000 से ज्यादा लोग खून चढ़ाने या फैक्टर VIII के उपचार के जरिए संक्रमित हुए थे।
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रिपोर्ट से क्या बदलेगा
उम्मीद है कि जांचकर्ताओं की रिपोर्ट में दवा कंपनियों, चिकित्साकर्मियों, सिविल सेवकों और राजनेताओं की आलोचना की जाएगी। हालांकि, इसमें शामिल कई लोगों की अब मौत हो चुकी है। इस रिपोर्ट के बाद एक बड़ा मुआवजा बिल आने की उम्मीद है, जिससे ब्रिटिश सरकार पर जल्द भुगतान को लेकर दबाव पड़ेगा।

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