चमोली में 23 घंटे से फंसे इंदौर और महू के परिवार आज सुबह निकले

कल सुबह 7 बजे से लैंड स्लाइड होने के कारण फंसा हुआ था परिवार, आज सुबह 4 बजे रास्ता क्लीयर हुआ, स्थानीय प्रशासन ने एक पहाड़ का मलबा हटाया तो दूसरा धंस गया
इंदौर। संजीव मालवीय
चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) पर गए इंदौर (Indore) और महू (Mhow) के परिवार के 25 से ज्यादा लोग, जिनमें 12 महिलाएं भी हैं, कल सुबह ब्रदीनाथ (Badrinath) से लौटते वक्त चमोली (Chamoli) जिले में लैंड स्लाइड (Land Slide) के कारण फंस गए। तुरंत सेना और स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किया। इतने में एक और पहाड़ धंस गया, जिससे कल पूरी रात हो गई। हालांकि पूरी रात राहत कार्य चलता रहा और आज सुबह 4 बजे रास्ता खुला, जिसके बाद वे हरिद्वार (Haridwar) की ओर रवाना हुए। इस दौरान स्थानीय होटल वालों ने भी उनकी मजबूरी का फायदा उठाया और दो से तीन गुना रेट वसूल किए।

इंदौर के धेप्ते और महू के कुसमले परिवार के ये लोग 18 जून को इंदौर से रवाना हुए थे। ये लोग चारधाम यात्रा पर गए हैं और कल सुबह 7 बजे ब्रदीनाथ से वापस लौट रहे थे, तभी चमोली जिले में रास्ते के सामने ही पहाड़ गिरने लगे। इस पर काफिला रोक दिया गया। पर्यटकों ने ही हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दी तो जिला प्रशासन और सेना के जवान वहां पहुंचे। वे अपने साथ पोकलेन और अन्य साधन लाए थे, जिससे मिट्टी हटाई जा सके। यात्रा पर गए रितिक कुसमले ने बताया कि वे लोग मलबा हटा ही रहे थे कि दूसरे पहाड़ से मलबा गिरने लगा और पूरा रास्ता ही जाम हो गया। इस पर हमको रात वहीं गुजारना पड़ी। रातभर राहत कार्य चलता रहा और आज सुबह 4 बजे रास्ता क्लीयर हुआ। इसके बाद वहां से एक-एक कर वाहन को निकाला गया। पूरी रात डर में ही गुजरी, लेकिन सेना जिस जज्बे से काम कर रही थी, उससे हमारा भी जोश बना रहा। फिलहाल सभी गाडिय़ां वहां से निकल गई हैं और हरिद्वार की ओर बढ़ रही हैं।

होटल वालों ने उठाया यात्रियों की मजबूरी का फायदा
इंदौर के धेप्ते परिवार के दुर्गेश और यश ने बताया कि कल सुबह से रुके थे। दोपहर में भूख लगने लगी तो 50 रुपए का आलू का परांठा मिला और यही परांठा शाम होते-होते 150 रुपए का हो गया था। वहीं चाय भी 30 से 50 रुपए तक बेची गई। रात में जब वहां सोने के लिए गए तो एक बेड के 500 रुपए लगते हैं, लेकिन होटल वालों ने 1200 रुपए से लेकर 1500 रुपए प्रतिबेड का चार्ज वसूला। लोगों के सामने कोई दूसरा विकल्प भी नहीं था, इसलिए महिलाओं को होटल में रुकवाकर हम लोगों ने रात बाहर ही गुजारी।

पहले तो घबराए, फिर सेना ने ढांढ़स बंधाया
तीर्थयात्रियों ने बताया कि पहले तो सभी लैंड स्लाइड देखकर घबरा गए, लेकिन वहां पहुंची सेना ने हमें ढांढ़स बंधाया और वहां से दूर रहने के लिए कहा। गाडिय़ां छोड़ सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। दूसरी बार जब लैंड स्लाइड हुआ तो लगा कि हम लोग फंस जाएंगे, लेकिन जिस तरह से सेना व स्थानीय प्रशासन ने काम किया वह काबिले-तारीफ रहा। कल की रात भी हमारे लिए डरावनी रही।

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