कृषि नीतियों के विरोध में पोलैंड में भी सड़कों पर उतरे किसान, यूक्रेन पर निकाल रहे भड़ास

पोलैंड (poland) । यूरोपीय संघ (European Union) की कृषि नीतियों और यूक्रेन (ukraine) से सस्ते भोजन (cheap food) के आयात के विरोध में हजारों किसानों (farmers) ने मंगलवार को वॉरसॉ शहर में मार्च निकाला. प्रदर्शनकारी किसान यह चाहते हैं कि अनाज और अन्य खाद्य उत्पादों के आयात के लिए यूक्रेन के साथ पोलैंड की सीमा को बंद कर दिया जाए. उनका कहना है कि इससे घरेलू बाजार में किसानों को मिलने वाली कीमतें कम हो रही हैं.

प्रदर्शनकारी ऐतिहासिक ‘पैलेस ऑफ कल्चर’ के पास एक प्रमुख चौराहे पर एकत्र हुए और संसद भवन की ओर एक साथ चलने लगे. पोलैंड के किसान यूरोप के उन किसानों में से हैं जो यूक्रेन के साथ-साथ यूरोपीय संघ की पर्यावरण नीतियों का विरोध कर रहे हैं, जिनके बारे में उनका कहना है कि इससे उनकी उत्पादन लागत में वृद्धि होगी.

भारत में भी प्रदर्शन कर रहे किसान
भारत में भी इस वक्‍त किसान एमएसपी की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. वो दिल्‍ली आना चाहते हैं लेकिन उन्‍हें इसकी इजाजत नहीं दी गई है. किसानों ने 29 फरवरी तक शंभू बॉर्डर पर ही डटे रहने का निर्णय लिया है. इसके बाद आगे की योजना का खुलासा किया जाएगा. किसानों और केंद्र सरकार के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन इस दौरान कोई नतीजा नहीं निकल सका है.

प्रीतपाल की मौत पर क्‍या बोली हरियाणा पुलिस
प्रदर्शन के दौरान मारे गए युवा किसान प्रीतपाल सिंह की मौत को लेकर मजे बवाल के बीच सोमवार को हरियाणा पुलिस ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया. हरियाणा पुलिस ने साफ कर दिया कि प्रीतपाल सिंह पर ना तो कोई एफआईआर दर्ज की गई थी और ना ही उसे कभी गिरफ्तार किया गया. कोर्ट को बताया गया कि प्रीतपाल सिंह खेतों में गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्‍हें मिला था.

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