बेटी के साथ पिता ने 24 सालों तक किया रेप, पैदा हुए 7 बच्चे, अब रिहा हो सकता है हैवान बाप

नई दिल्‍ली (New Delhi) । दुनिया में एक से बढ़कर एक खूंखार और हैवान अपराधी हुए हैं, जिनके अपराधों को जानकर रूह कांप जाती है. ऐसा ही एक दरिंदा था ऑस्ट्रिया (austria) के एम्स्टेटन का जोसेफ फ्रिट्जल (Josef Fritzl), जिसके घिनौने अपराध (heinous crimes) की चर्चा दुनियाभर में हुई.

दरअसल, जोसेफ फ्रिट्जल ने अपनी ही बेटी एलिजाबेथ फ्रिट्जल (Elisabeth Fritzl) को कुल 24 सालों तक एक कैदखाने में कैद रखा और उसके साथ रेप किया. इस दौरान एलिजाबेथ अपने ही पिता के सात बच्चों की मां बनी.

रिहा हो सकता है हैवान बाप
बेटी को 24 सालों तक सेक्स स्लेव बनाए रखने और उसे टॉर्चर करने के जोसेफ के पापों का घड़ा 2009 में फूटा और उसे उम्र कैद की सजा हुई. लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, ताजा अपडेट ये है कि ‘अब वह समाज के लिए खतरा नहीं है’ मानकर उसे अब 16 साल बाद जेल से रिहा किया जा सकता है.

बेटी का हजारों बार बलात्कार, 7 बच्चों का जन्म
जोसेफ ने अपनी बेटी एलिज़ाबेथ को 18 साल की उम्र से लेकर 42 साल की उम्र तक एक तहखाने में बंद रखा. उसने हजारों बार उसका बलात्कार किया जिससे उसने अपने ही पिता के 7 बच्चों को जन्म दिया.
जब एलिजाबेथ 11 साल की थी तब से जोसेफ ने उसका यौन शोषण किया था. तहखाने में कैद करने के बाद उसने उसके साथ बलात्कार करना शुरू कर दिया – कभी-कभी तो दिन में कई बार उसका बलात्कार किया गया.
एलिजाबेथ के तीन बच्चों को उसी के साथ कैद में रखा गया था. वहीं एक बच्चे की जन्म होते ही मौत हो गई जबकि तीन को जोसेफ अपने घर में अपनी पत्नी के साथ पालने लगा. उसने लोगों से कहा कि ये बच्चे कोई उसके घर के बाहर छोड़ गया था.

बच्चों के सामने दुष्कर्म और अश्लील वीडियो
वह न सिर्फ बेटी का बलात्कार करता बल्कि उसके अश्लील वीडियो भी बनाता था. कभी-कभी उसके बच्चों के सामने ही वह उसका बलात्कार करता था.
फ्रिट्ज़ल ने कई दिनों तक बिजली बंद करके एलिज़ाबेथ और उसके बच्चों को तहखाने में तड़पाया भी था. वह धमकी देता था कि अगर किसी ने यहां से निकलने की कोशिश की तो उन्हें इलैक्ट्रिक शॉक दिया जाएगा.

सालों की प्लानिंग के बाद बेटी को कैसे कैद किया?
जोसेफ ने एलिज़ाबेथ को बंदी बनाने से कई साल पहले घर और बगीचे के नीचे एक तहखाने का कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया था. उसने उसका आखिरी दरवाज़ा फिट करने के लिए अपनी 18 साल की बेटी एलिजाबेथ से मदद मांगी.
वह जैसे ही तहखाने के पास पहुंची तो जोसेफ ने उसके मुंह पर ईथर से भीगा हुआ कपड़ा रखा और उसे तहखाने में बंद कर दिया. क्योंकि एलिज़ाबेथ पहले एक बार घर से भाग चुकी थी, और उसकी मां ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
तो समाज में फ्रिट्ज़ल की कहानी पर आसानी से विश्वास कर लिया गया जिसमें उसने कहा था कि उसकी बेटी किसी धर्मिक संगठन में शामिल होने के लिए भाग गई है. इस कहानी के सपोर्ट करने के लिए उसने तहखाने में एलिजाबेथ से खत लिखवाए जिनमें भागकर धर्मिक संगठन में शामिल होने की बात थी.

कैसे पकड़ा गया जोसेफ?
साल 2008 में, एलिज़ाबेथ की 19 वर्षीय बेटी कर्स्टन गंभीर रूप से बीमार हो गई. जोसेफ उसे अस्पताल ले गया तो डॉक्टरों को उसकी हालत देखकर संदेह हुआ. उन्होंने पुलिस को फोन किया.
पुलिस ने पहुंचकर बच्ची की मां को बुलाने के लिए कहा तो मजबूरी में जोसेफ को एलिजाबेथ को बाहर निकालना पड़ा. वह उसे झूठ बोलने को कहकर डरा धमकाकर पुलिस के आगे ले गया. पुलिस को उसकी हालत पर भी शक हुआ लेकिन वह अपने और अपने बच्चों का जान के डर से कुछ बोलने को तैयार नहीं थी.
पुलिस ने उसे अपराधी को सजा दिलाने की बात कहकर हिम्मत दी तो उसने बोला शुरू किया. उसकी कहानी सुनकर मानो लोगों को रौंगटे खड़े हो गए.
पुलिस ये जानकर हैरान थी कि उसने और उसकी बेटी ने 24 सालों में पहली बार सूरज की रोशनी देखी है. इसके बाद जोसेफ कानून के हत्थे चढ़ा और उसे उम्र कैद हुई.

‘अब वो खतरनाक नहीं है, रिहा हो सकता है’
मेट्रो यूके ने बताया कि ‘अपनी सज़ा की शर्तों के तहत, जोसेफ को इस साल पैरोल मिल सकती है और उसकी साइकेट्रिक रिपोर्ट के आधार पर उसकी रिहाई की संभावना है क्योंकि उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अब खतरनाक नहीं हैं.
फ्रिट्ज़ल के वकील एस्ट्रिड वैगनर ने स्थानीय समाचार आउटलेट क्रोनन ज़िटुंग को बताया, “मैं पहले से ही उसके लिए सशर्त रिहाई प्राप्त करने के प्रोसेस में हूं.”मिरर के अनुसार, उन्होंने कहा, “अगर आवेदन स्वीकार हो गया तो वह घर जा सकेंगे.”

अज्ञात गांव में बच्चों संग रहती है एलिजाबेथ, होती है ट्रॉमा थेरेपी
मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, ‘एलिज़ाबेथ’ (मुकदमे के बाद दिया गया नया नाम) अब अपने छह बच्चों के साथ ऑस्ट्रियाई ग्रामीण इलाके में एक अज्ञात गांव में रहती हैं.
उसके बच्चों की उम्र अब 17 से 31 साल के बीच है. उन्हें ट्रॉमा से निकालने के लिए खुले खिड़की दरवाजों वाले कमरों में सुलाया जाता है और उनके साप्ताहिक थेरेपी सेशन होते हैं.
आउटलेट के अनुसार, 2009 में, कैद से निकलने के एक साल बाद, एलिज़ाबेथ को थॉमस वैगनर नाम के एक शख्स से प्यार हो गया और अब वह भी उसके साथ रहता है.

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