फिल्ममेकर महेश मांजरेकर को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत, अश्लील सीन विवाद में गिरफ्तारी पर रोक


मुंबई: महेश मांजरेकर (Mahesh Manjrekar) की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘नय वरण भट लोंचा कोन ने कोंचा’ कुछ समय से विवादों में चल रही है. महेश मांजरेकर पर इस फिल्म में शामिल किए गए अश्लील सीन (Obscene Shot) को लेकर एक केस दर्ज किया गया था लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है.

दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को निर्देशक महेश मांजरेकर और मराठी फिल्म ‘नय वरण भट लोंचा कोन ने कोंचा’ के निर्माताओं को नाबालिगों से जुड़े एक अश्लील सीन के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है. कोर्ट में हुई सुनवाई में, अदालत ने पुलिस को निर्देशक या फिल्म की टीम के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया, जिन्होंने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

एडवोकेट रवि सूर्यवंशी के साथ सीनियर एडवोकेट पोंडा के नेतृत्व में एडवोकेट स्वप्निल अंबुरे ने ईटाइम्स को दिए एक बयान में कहा है कि, “माननीय न्यायालय ने फिल्म ‘नय वरण भट लोंचा को नई कोंचा’ के निर्देशक और निर्माताओं को गिरफ्तारी से बचाया है. आगे , राज्य पुलिस को उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के निर्देश जारी किए गए हैं. हम जांच में अपना पूरा सहयोग देंगे.”

यूट्यूब से हटाया गया फिल्म का अश्लील सीन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, महेश मांजरेकर पर ये आरोप लगाया गया था कि हाल ही में रिलीज हुई उनकी मराठी फिल्म में नाबालिगों को शामिल करने वाली यौन स्पष्ट सामग्री थी. हालांकि, फिल्म निर्माता के वकील ने तर्क दिया कि फिल्म में ऐसा कोई दृश्य नहीं था और ये ट्रेलर का केवल एक हिस्सा था जिसे आखिरकार YouTube से हटा दिया गया था.

एडवोकेट अंबुरे ने कहा कि, “अदालत ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि संदिग्ध ट्रेलर को हटा दिया गया और सीबीएफसी के सेंसर प्रमाणन प्राप्त करने के बाद फिल्म को रिलीज किया गया.” ये फैसला अदालत के जरिए मराठी फिल्म के निर्माताओं के फिल्म निर्माता को मामले में कोई राहत देने से इनकार करने के एक हफ्ते बाद आया है.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया आदेश
पिछले महीने मांजरेकर ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मामले को रद्द करने की मांग की थी और गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा की मांग की थी. न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हालांकि कोई आदेश पारित करने से इनकार करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी. अब उम्मीद ये की जा रही है कि निर्देशक महेश मांजरेकर को इस मामले से जल्द ही पूर्ण रूप से राहत मिल जाएगी.

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