वित्त मंत्रालय बजट में मध्यम वर्ग को राहत देने पर कर रहा विचार

– इनकम टैक्स में मध्यम वर्ग को छूट का बजट में हो सकता है ऐलान

नई दिल्ली (New Delhi)। नरेन्द्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग को लाभ देने वाले प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय विचार कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) एक फरवरी, 2023 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट (Union Budget for the financial year 2023-24) पेश करेंगी। बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का आखिरी चरण पारंपरिक हलवा समारोह के साथ शुरू हो गया है।

सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि वित्त मंत्रालय विभिन्न सरकारी विभागों की तरफ से भेजे गए ऐसे प्रस्तावों पर विचार कर रहा है, जिनसे मध्यम वर्ग के बड़े तबके को लाभ पहुंच सके। बजट में मध्यम वर्ग आयकर में छूट की सीमा बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है। इसकी घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में की जा सकती है। मोदी सरकार ने अभी तक आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाया नहीं है।

वित्त वर्ष 2014-15 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का पहला बजट पेश करते समय तय की थी। इसके अलावा 2019 से मानक कटौती 50 हजार रुपये बनी हुई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई के उच्च स्तर में वेतनभोगी मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर छूट की सीमा और मानक कटौती बढ़ाने की जरूरत है।

जानकारी के मुताबिक आयकर छूट सीमा और मानक कटौती में फेरबदल करने के अलावा वित्त मंत्रालय 80-सी के अंतर्गत निवेश छूट सीमा बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है। इसमें जीवन बीमा, एफडी, बॉन्ड, आवासीय और पीपीएफ और अन्य सेवाएं आती हैं। फिलहाल इसके तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट है। दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाल ही में दिए एक बयान ने मध्यम वर्ग की उम्मीदें और बढ़ा दी है कि आगामी केंद्रीय बजट में उन्हें कुछ राहत मिल सकती है। वित्त मंत्री ने कहा था कि वे इस वर्ग पर मौजूद दबाव से अवगत हैं। उन्होंने कहा था कि मैं भी मध्यम वर्ग से हूं। इसलिए मैं इस वर्ग पर दबाव को समझती हूं। (एजेंसी, हि.स.)

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