इंदौर। शराब ठेकेदार (Liquor contractor) अर्जुन ठाकुर (Arjun Thakur) पर गोली चलने के मामले में यह बात सामने आई है कि आरोपी हेमू ठाकुर और चिंटू (Hemu Thakur, Chintu Thakur) शहर में चल रहे आधा दर्जन कमाई वाले अहातों पर कब्जा करना चाहते थे। इसके चलते उनके बीच नए ठेके नीलाम होने के बाद से ही विवाद चल रहा था, जो कल गोलीकांड (shooting) में बदल गया।
कल सिंडिकेट (Syndicate) के ऑफिस में शराब ठेकेदार (Liquor contractor) अर्जुन ठाकुर (Arjun Thakur) को हेमू ठाकूर और चिंटू ठाकुर ( Hemu Thakur, Chintu Thakur) ने गोली मार दी थी। प्रारंभिक जांच (Preliminary investigation) में यह बात सामने आई है कि शहर में 175 शराब दुकानों में से 80 प्रतिशत दुकानोंं पर अहाते मंजूर हैं। इनमें से चार देसी और दो अंग्रेजी शराब के अहाते सबसे अधिक कमाई के हैं। इन अहातों पर ये दोनों भाई अपना कब्जा चाहते थे। इनमें से दो एमआईजी ( MIG) और गांधीनगर (Gandhinagar) दुकान के अहाते अर्जुन ठाकुर (Arjun Thakur) के पास हैं। इनको लेकर ही दो दिन पहले दोनों के बीच विवाद हुआ था। इस दौरान आरोपियों ने अर्जुन के पिता की वहां लगी तस्वीर निकालकर फेंक दी थी और दोनों के बीच हाथापाई हुई थी। इस विवाद को निपटाने के लिए ही सिंडिकेट (Syndicate) के मुख्य कर्ताधर्ताओं ने दोनों पक्षों को यहां बुलाया था और गोलीकांड (shooting) हो गया। बताते हैं कि अर्जुन ठाकुर (Arjun Thakur) तो सिंडिकेट (Syndicate) में है, लेकिन हेमू और चिंटू (Hemu Thakur, Chintu Thakur) का सिंडिकेट (Syndicate) से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन फिर भी वे आधा दर्र्र्जन अहाते चाहते हैं और सिंडिकेट (Syndicate) के सदस्य न होने पर भी अपना दबदबा कायम करना चाहते हैं। हेमू के पास इंदौर में कोई ठेका नहीं है। उसके पास धार में एक दुकान है। वह पहले अवैध शराब का कारोबार करता था और कुछ ठेकेदारों से जुड़ा था।
हेमू ठाकुर के घर दबिश…बाथरूम में भी खोज
कल हुए गोलीकांड के बाद पुलिस (Police) ने अलग-अलग टीमें बनाकर गोली चलाने वालों के ठिकानों पर दबिश दी। कल हेमू ठाकुर (Hemu Thakur) के बाणगंगा (Banganga) स्थित बंगले पर पुलिस (Police) दबिश देने गई और पूरे घर की छानबीन की। बाथरूम से लेकर छत पर भी हेमू की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। लेकिन बंगले का इंटीरियर देखकर पुलिस (Police) चकरघिन्नी हो गई। जो हेमू ठाकुर छोटी-मोटी शराब तस्करी करता था, उसके बाथरूम तक में एयरकंडीशनर और एलईडी लगी मिली। बंगले में लाखों की कीमत के महंगे झूमर लगे मिले। यही नहीं, घर में अन्य सामान को देखकर भी पुलिस ने उसकी कमाई का अनुमान लगाया। चिंटू ठाकुर की तलाश में भी पुलिस (Police) ने उसके ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं होने की बात पुलिस (Police) द्वारा बताई जा रही है। सिंडिकेट (Syndicate) दफ्तर में हुई गोलीकांड की घटना के बाद अर्जुन ठाकुर (Arjun Thakur) के समर्थकों ने जो पथराव किया था, उस मामले में जरूर पुलिस (Police) गिरफ्तारी की बात बता रही है।
गोलीकांड के बाद फरार बदमाशों की धरपकड़ के लिए 6 टीमें गठित … इनाम भी घोषित
शराब कारोबारियों (Liquor traders) के सिंडिकेट (Syndicate) दफ्तर में हुए गोलीकांड के बाद कल से ही पुलिस उन तमाम बदमाशों की धरपकड़ कर रही है, जो इस वारदात के दौरान वहां मौजूद थे। पुलिस (Police) की 6 टीमों ने दबिश दी, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया। इस बीच चर्चा यह भी है कि पुलिस (Police) ने कुछ बदमाशों को हिरासत में ले लिया है, लेकिन इसका खुलासा फिलहाल नहीं कर रही है। उधर, डीआईजी मनीष कपूरिया ने बताया कि बदमाशों की धरपकड़ के लिए पुलिस (Police) रातभर से लगी हुई है।
घटनाक्रम के फुटेज मिले… असली शक्लें सामने आईं…हेमू, चिंटू और सतीश भाऊ पर रासुका
शराब दुकानों में वर्चस्व को लेकर कल सिंडिकेट (Syndicate) के ऑफिस में हुए गोलीकांड के फुटेज पुलिस (Police) को मिल गए हैं, जिससे वहां मौजूद हर व्यक्ति का रोल स्पष्ट हो गया है। अब फुटेज के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। वहीं तीन प्रमुख आरोपी हेमू, चिंटू और सतीश भाऊ के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जा रही है।
एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि कल रात पुलिस द्वारा शराब सिंडिकेट के ऑफिस से जब्त डीवीआर में कमरे में हुए पूरे घटनाक्रम के फुटेज हासिल कर लिए गए हैं, जिससे इस कांड के सभी किरदारों की शक्ल सामने आ गई है। घटना के तीन प्रमुख आरोपी हेमू ठाकुर, चिंटू ठाकुर और सतीश भाऊ के खिलाफ जहां रासुका की कार्रवाई की जा रही है, वहीं घटना के समय ऑफिस में मौजूद कुछ और लोगों की पहचान की जा रही है, जिनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाइ की जाएगी। आरोपियों की तलाश में देवास, महू और इंदौर में कुछ स्थानों पर छापे मारे गए हैं। आरोपियों पर दस हजार का इनाम रखा गया है। आरोपियों से जुड़े दस लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। जल्द ही पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी। वहीं फरियादी पक्ष ने केस में कुुछ और लोगों के नाम बताए हैं, लेकिन अब फुटेज के आधार पर और भी आरोपी बनाए जाएंगे और उनकी गिरफ्तारी की जा जाएगी। इस मामले में पर्दे के पीछे कई बड़े लोगों की शक्लें भी सामने आ रही हैं।
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