भाजपा के टिकटों की पहली सूची इसी माह घोषित होने की संभावना

  • इंदौर-भोपाल जैसी सीटों को छोडक़र एक दर्जन सीटों पर तय हो सकते हैं नाम

इंदौर। दिल्ली में आज केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इंदौर और भोपाल जैसी बड़ी लोकसभा सीटों को छोडक़र कुछ सीटों पर विचार किए जाने की संभावना है। कुछ पदाधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री के प्रदेश में नहीं रहने के कारण सीटों पर चर्चा आगे बढ़ाई जा सकती है। चर्चा होती है और अगर सहमति बन जाती है तो इन सीटों के नाम इसी माह घोषित कर दिए जाएंगे। कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा भी है। वे ग्वालियर से इसकी शुरुआत करेंगे। इस दौरान वे कई लोकसभा सीटों के प्रमुख नेताओं से भी चर्चा करने वाले हैं।

प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों को अपने कब्जे में करने के लिए भाजपा की रणनीति शुरू हो चुकी है। संगठन स्तर पर बैठकों का दौर चल रहा है, वहीं अब मैदानी स्तर पर भी बड़े नेता उतरने वाले हैं, जिसकी शुरुआत कल ग्वालियर से हो रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कल ग्वालियर पहुंचेंगे और संगठन के नेताओं की एक बैठक में भी भाग लेंगे। एक तरह से लोकसभा चुनाव का आगाज हो जाएगा। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री प्रत्येक लोकसभा सीटों से आए प्रमुख पदाधिकारी से भी चर्चा करने वाले हैं। उनसे पूछा जाएगा कि भाजपा किस प्रकार की रणनीति तैयार करे कि 29 सीटों पर उसे अधिक से अधिक वोट मिले, क्योंकि ग्वालियर और चंबल अंचल में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसलिए अब लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत भी ग्वालियर से की जा रही है, जबकि पिछले साल अमित शाह ने इंदौर से विधानसभा चुनाव के प्रचार की शुरुआत की थी।

इंदौर उनके लिए शुभ रहा और प्रदेश में 163 सीटों पर भाजपा ने अपनी जोरदार एंट्री की और उसके परिणामस्वरूप सरकार बनी। वर्तमान में भी भाजपा के पक्ष में माहौल नजर आ रहा है। लोकसभा की 29 सीट मध्य प्रदेश में है और उसमें एकमात्र छिंदवाड़ा को छोड़ दिया जाए तो सभी 28 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह इस सीट को लेकर भी इस बार गंभीर है और वह किसी भी तरह से कांग्रेस के हाथों से इस सीट को छुड़ाना चाहते हैं। दूसरी ओर आज दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी होने वाली है , जिसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कुछ सीटों को लेकर चर्चा की जाना है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश की चर्चा नहीं होने की भी जानकारी सामने आ रही है, क्योंकि मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने पुत्र के विवाह समारोह में राजस्थान पहुंच गए हैं, इसलिए वे बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इंदौर और भोपाल जैसी बड़ी सीटों को छोडक़र उन सीटों पर नाम घोषित कर दिया जाए, जहां सर्व सहमति बन रही है। वैसे करीब आधा दर्जन सीटों पर नाम की सहमति बन सकती है, क्योंकि उनके नाम पहले ही केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे जा चुके हैं। मध्य प्रदेश के मामले में एक बैठक अलग से बाद में भी हो सकती है। कुछ सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों को बदलने का मन भी बनाया है, जिसमें इंदौर और भोपाल जैसी सीट भी शामिल है। यहां उम्मीदवार कौन होगा, अभी इस संबंध में कोई बड़ा नाम आगे नहीं आया है। अगर प्रदेश की सीटों पर चर्चा होती है तो इसी माह कुछ सीटों के नाम की घोषणा की जा सकती है। इनमें ऐसी सीट भी शामिल है, जहां भाजपा को पिछली बार कम वोट मिले थे। छिंदवाड़ा के मामले में भी प्रत्याशी जल्दी घोषित किया जा सकता है। वैसे भी पहली सूची इसी माह आने की संभावना जताई जा रही है, जिसमें दूसरे राज्यों उम्मीदवार शामिल हो सकते हैं।

Leave a Comment