मदुरै रेल हादसे में अब तक पांच कैटरिंग कर्मचारी गिरफ्तार

लखनऊ (Lucknow) । पुलिस ने ट्रेन के डिब्बे में आग (train compartment fire) लगने के मामले में सोमवार को पांच कैटरिंग कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। रविवार को मदुरै रेलवे स्टेशन (Madurai Railway Station) पर एक खड़ी ट्रेन के डिब्बे में आग लगने से नौ लोगों की मौत हो गई थी और आठ अन्य घायल हो गए थे।

पुलिस ने ट्रेन के डिब्बे में आग लगने के मामले में सोमवार को पांच कैटरिंग कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। रविवार को मदुरै रेलवे स्टेशन पर एक खड़ी ट्रेन के डिब्बे में आग लगने से नौ लोगों की मौत हो गई थी और आठ अन्य घायल हो गए थे। इसका कारण ट्रेन के कोच में रसोई गैस सिलेंडर का अवैध इस्तेमाल होना बताया गया है। गिरफ्तार लोगों को अदालत में पेश कर 11 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आरोपियों में सबसे छोटा 19 साल का है, दो अन्य पुरुष 20 साल के बीच के हैं। दो अन्य की उम्र 47 और 61 साल है।


हादसे में जान गंवाने वाले लोग तमिलनाडु के रामेश्वरम जा रहे थे। उन्होंने पिछले सप्ताह टूर ऑपरेटर के जरिये निजी कोच बुक कराया था। उन्होंने अपनी यात्रा लखनऊ से शुरू की थी। कोच में तीर्थयात्रियों, टूर आयोजक और पांच कैटरिंग कर्मचारियों समेत 64 यात्री थे। पीड़ितों के शवों को रविवार को उड़ान से उत्तर प्रदेश ले जाया गया।

मदुरै रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी टूरिस्ट बोगी में गैस सिलिंडर से लगी आग के मामले की जांच तेज हो गई है। जल्द ही पूर्वोत्तर रेलवे के अफसरों से हादसे के संबंध में पूछताछ हो सकती है। आरपीएफ कंट्रोल रूम को 17 अगस्त की शाम 3:45 से 4:20 बजे तक की लखनऊ जंक्शन की सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के लिए कहा गया है।

दक्षिणी सर्किल के रेल संरक्षा आयुक्त एएम चौधरी ने घटना की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कई साक्ष्यों की पड़ताल की और रेलकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं। मदुरै स्टेशन पर तैनात आरपीएफ की केस डायरी में एलपीजी सिलिंडर के कारण आग लगने की बात कही गई है। ऐसे में अब रेल संरक्षा आयुक्त पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अफसरों से पूछताछ कर सकते हैं। हादसे में लखनऊ के दो, सीतापुर के पांच, लखीमपुर खीरी और हरदोई के एक-एक यात्री की मौत हो गई थी।
लखनऊ जंक्शन पर दो लगेज स्कैनर लगे हैं। दोनों महीनों से खराब पड़े हुए हैं। दूसरी ओर चारबाग रेलवे स्टेशन पर एक लगेज स्कैनर है। पर, यहां न तो कोई लगेज स्कैन कराता है और न ही वहां बैठे आरपीएफ के जवान टोकते हैं।

चारबाग रेलवे स्टेशन पर मुख्य प्रवेशद्वार पर भले ही आरपीएफ कर्मी मिल जाएं, पर सैलून साइड, खम्मनपीर मजार, सदर, यार्ड, कानपुर की ओर वाला छोर ऐसी जगहें है, जहां से यात्री बिना जांच के स्टेशन पर पहुंच जाते हैं। ऐसे ही लखनऊ जंक्शन स्टेशन पर कैब वे के दोनों छोर पर एंट्री खुली हुई है, जहां जांच के कोई इंतजाम नहीं है। दोनों स्टेशनों की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम है। 120 से अधिक सीसीटीवी लगे हुए हैं। पर, फुटेज लेने लायक नहीं हैं।
चारबाग रेलवे स्टेशन पर पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जा रहा है। यह पुरानी कवायद है। फिलहाल स्टेशन पर बुक होने वाले पार्सलों की जांच के लिए अभी भी कोई इंतजाम नहीं है। स्कैनर नहीं हैं। ऐसे ही सामान ट्रेनों में लोड हो रहा है। हालांकि लखनऊ जंक्शन स्टेशन पर पार्सल जांच के लिए स्कैनर लगा है, जिसके लिए चार्ज लिया जाता है।

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