प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में अगले साल तेजी आने का अनुमान, जनवरी से सितंबर के बीच 49 अरब डॉलर का हुआ निवेश

नई दिल्ली। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेशके 2024 में गति पकड़ने की संभावना है। बेहतर व्यापक आर्थिक आंकड़े और औद्योगिक उत्पादन में तेजी के साथ आकर्षक पीएलआई योजना के कारण अधिक संख्या में विदेशी कंपनियां भारत की ओर आकर्षित होंगी। कई देशों के बीच तनाव और बाधाओं के साथ वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में सख्ती के बीच भारत पसंदीदा निवेश गंतव्य बना हुआ है।

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव ने कहा कि सरकार लगातार एफडीआई नीति की समीक्षा करती है और समय-समय पर इसमें बदलाव किया जाता है। इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान देश में एफडीआई राशि 22 प्रतिशत घटकर 48.98 अरब डॉलर रह गई। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 62.66 अरब डॉलर था। सिंह ने कहा कि 2014-23 की अवधि में एफडीआई लगभग 596 अरब डॉलर रहा है, जो 2005-14 की तुलना में लगभग दोगुना है।

उन्होंने कहा, ये रुझान सकारात्मक हैं और भारत अभी भी विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा स्थान बना हुआ है। सिंह ने कहा कि औषधि, खाद्य प्रसंस्करण और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के कारण कई क्षेत्रों में एफडीआई बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस साल एफडीआई में गिरावट की एक वजह सिंगापुर, अमेरिका और ब्रिटेन की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर में तेजी हो सकती है, क्योंकि ये देश भारत में एफडीआई के प्रमुख स्रोत हैं।

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