मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी हुए रिहा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड (madhumita shukla murder case) में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Former Minister Amarmani Tripathi) और उनकी पत्नी मधुमणि (Madhumani) जेल से रिहा हो गई है. दोनों 20 सालों से सजा काट रहे थे. जेल में अच्छे आचरण की वजह से उनकी समय से पहले रिहाई हुई. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद उनकी बाकी की सजा को माफ कर दिया गया है. इसके बाद महाराजगंज के नौतनवां कस्बे में पूर्व मंत्री के आवास पर समर्थकों की भीड़ लग गई. उनके प्रशंसक मिठाई और ढोल बजाकर जश्न मनाने लगे.

बता दें, कवियत्री मधुमिता शुक्‍ला के हत्या के मामले में 24 अक्टूबर 2007 को देहरादून की विशेष अदालत ने अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. 18 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने लोअर कोर्ट के द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा था. 13 मई 2022 को मधुमनी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अच्छे बर्ताव के चलते सजा में माफी को लेकर दया याचिका दायर की गई थी. 21 नवंबर 2022 को रिहाई का आदेश दिया गया था.

मगर, कोर्ट के आदेश के बावजूद रिहाई न होने पर मधुमनी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का वाद दायर किया गया था. 3 जुलाई 2023 को मधुमनी की उम्र 61 साल और 22 नवंबर 2022 को 17 साल 3 महीने 9 दिन की सजा काटने व जेल में अच्छे आचरण के देखते हुए मधुमनी और अमरमणि की रिहाई का आदेश दिया गया. इसी आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश के कारागार प्रशासन ने मधुमनी और अमरमणि को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है.

बता दें, 25-25 लाख के निजी मुचलके और 25-25 लाख के 4 जमानतदार की जमानत पर अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी छोड़े गए. DM Office में अमरमणि की तरफ से 6 गाड़ियों के कागजात मुचलके के लिए लगाए गए. रिहाई के आदेश पर उनके बेटे अमन मणि ने कहा कि देश के संविधान ने एक आम आदमी को जो अधिकार दिया है, वो हमें भी मिला है. उसी के तहत रिहाई हुई है. संविधान, अदालत और देश की जनता का शुक्रिया. 20 साल से अपने मां-बाप के बिना लड़ाई लड़ रहा था. आज का दिन बेहद अहम है.

अमन मणि ने बताया कि अभी माता-पिता की तबीयत खराब है. वो कुछ दिन बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही रहेंगे. फिर डॉक्टर जैसा परामर्श देंगे, उसके हिसाब से आगे निर्णय लिया जाएगा. जरूरत पड़ी तो हम डॉक्टर के परामर्श के बाद बेहतर इलाज के लिए किसी बड़े अस्पताल भी ले जाएंगे. जानकारी के मुताबिक अमरमणि और उनकी पत्नी का ज्यादातर समय गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में गुजरा. जब से सजा हुई दोनों अधिकतर समय बीमार रहे और इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती रहे. BRD मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड की दूसरी मंजिल पर 32 कमरे हैं. इसमें ऊपरी हिस्से के 16 नंबर कमरे में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी एडमिट रहे हैं.

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