पाकिस्तान में पूर्व PM को फिर हुई जेल, अब सुनाई गई इतने साल की सजा

नई दिल्ली: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan in Pakistan) और उनकी तीसरी पत्नी बुशरा खान (Bushra Khan) को एक और मामले में जेल की सजा सुनाई गई है. एक अदालत ने दोनों की शादी को गैरकानूनी घोषित (marriage of both was declared illegal) करते हुए शनिवार को उन्हें 7 साल जेल की सजा सुनाई है. रिपोर्ट के मुताबिक, 71 साल के इमरान और बुशरा ने 2018 में निकाह किया था, जिसे अदालत ने कानून का उल्लंघन बताया है. दोनों पर 5-5 लाख पाकिस्तानी रुपये अगले सप्ताह 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले एक सप्ताह के अंदर इमरान खान के खिलाफ यह तीसरा अदालती फैसला आया है. इससे पहले जेल में बंद 71 वर्षीय इमरान खान को सरकार की गोपनीय बातें लीक करने के आरोप में 10 साल और तोशाखाना केस में उन्हें व बुशरा खान को सरकारी तोहफे अवैध तरीके से बेचने के लिए 14-14 साल की सजा सुनाई गई थी.

इमरान खान के चुनाव लड़ने पर पहले ही रोक लग चुकी है. साथ ही उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का चुनाव चिह्न ‘बैट’ भी छीना जा चुका है. ऐसे में ये सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या इमरान खान का राजनीतिक भविष्य अब पूरी तरह खत्म हो गया है? अदालत ने इमरान और बुशरा की शादी के जरिये कानून का उल्लंघन किए जाने की बात मानी है. बुशरा खान पर आरोप है कि उन्होंने इमरान खान से शादी करने से पहले अपने पिछले पति से तलाक लेकर ‘इद्दत’ का टाइम पूरा नहीं किया. इस्लामी रवायतों के हिसाब से तलाक के बाद महिला के लिए अगली शादी से पहले 40 दिन का समय पूरा करना अनिवार्य होता है, जिसे इद्दत कहते हैं.

पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान इमरान खान के पहली बार प्रधानमंत्री बनने से सात महीने पहले उन्होंने बुशरा के साथ निकाह किया था. दोनों ने निकाहनामे पर जनवरी, 2018 में एक गोपनीय समारोह में हस्ताक्षर किए थे. उस समय भी यह विवाद उठा था कि दोनों ने इद्दत का समय पूरा होने से पहले निकाह किया है. जनवरी में इस शादी को लेकर पहले इनकार किया गया था, लेकिन कुछ सप्ताह बाद इमरान खान की पार्टी Pakistan Tehreek-e-Insaf ने इसकी पुष्टि कर दी थी. हालांकि इमरान और बुशरा ने अपने निकाह को लेकर कोई भी गलती नहीं करने की बात अदालत के सामने कही, लेकिन गवाहों ने उनकी बात खारिज कर दी है.

इमरान खान इस समय रावलपिंडी कैंट की एक जेल में बंद है, जबकि उनकी बेगम बुशरा खान को अपनी सजा राजधानी इस्लामाबाद में अपने पहाड़ी पर बने बंगले में काटने की इजाजत मिली है. इमरान खान को पहले ही किसी भी सरकारी पद के लिए 10 साल तक अयोग्य घोषित किया जा चुका है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें मिली 10 साल, 14 साल और 7 साल की सजाएं एकसाथ चलेंगी या इनकी अवधि अलग-अलग होगी. यदि तीनों सजाएं एकसाथ चलीं तब भी इमरान 14 साल बाद जेल से बाहर आएंगे. इसके उलट यदि सजाएं अलग-अलग चलीं तो वे 31 साल जेल में रहेंगे. दोनों ही बातें उनकी उम्र को देखते हुए संभव नहीं लग रही हैं. ऐसे में उनका डायरेक्ट राजनीतिक करियर तो पूरी तरह प्रभावित माना जा रहा है.

इमरान खान की पार्टी PTI को भी उनके विरोधियों ने बेहद सुनियोजित तरीके से कानून का सहारा लेकर एक तरीके से खत्म कर दिया है. दरअसल इमरान खान खुद तो चुनाव लड़ नहीं सकते हैं, लेकिन उनकी पार्टी से भी चुनाव चिह्न छिन गया है. उनकी पार्टी पर संविधान के तहत चेयरमैन पद के लिए आंतरिक चुनाव नहीं कराने का आरोप है, जिसके बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग ने उसका चुनाव चिह्न रद्द कर दिया है. हालांकि पहले पेशावर हाई कोर्ट ने चुनाव चिह्न बहाल कर दिया था, लेकिन 13 जनवरी को पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को सही घोषित कर दिया. अब 5 दिन बाद पाकिस्तान में संसदीय चुनाव होने जा रहे हैं और इमरान खान की पार्टी उन चुनाव में शिरकत नहीं कर रही है.

इमरान खान की पार्टी ही चुनाव में नहीं उतर रही है तो उनके सारे नेता भी निर्दलीय हो गए हैं. सभी को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव आयोग से मिले अलग-अलग अस्थायी चुनाव चिह्नों पर उतरना पड़ा है. ऐसे में इमरान खान के समर्थक उनके उम्मीदवारों को बिना चुनाव चिह्न के वोट दे पाएंगे, यह बेहद मुश्किल लग रहा है. इसके साथ ही इमरान की पार्टी के ज्यादातर नेता चुनाव लड़ने के बावजूद प्रचार अभियान में नहीं उतर पा रहे हैं. इन सभी के ऊपर भी 8 मई, 2023 को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को पूरे पाकिस्तान में हुई हिंसा को लेकर मुकदमे दर्ज हैं. पाकिस्तान पुलिस इन सभी को तलाश रही है और ये लोग भगोड़े की तरह फरार हैं.

ऐसे में उन्हें डर है कि चुनाव प्रचार में जाते ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. चुनाव प्रचार में नहीं गए तो इनके जीतने के आसार ना के बराबर रह जाएंगे. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि यदि इमरान खान के नेता नहीं जीत पाए तो उनकी पार्टी के दोबारा खड़ा होने का बचा-खुचा अवसर भी खत्म हो जाएगा यानी इमरान खान जेल से बाहर निकल भी आए तो उन्हें दोबारा से पूरा राजनीतिक दल खड़ा करना पड़ेगा, जो उनकी 71 साल की उम्र देखते हुए बेहद मुश्किल काम लग रहा है. इस हिसाब से देखा जाए तो पाकिस्तान में इमरान खान का पॉलिटिक्ल चैप्टर अब खत्म ही हो चुका है.

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