इस उम्र में फिर से अध्यक्ष बनने को आतुर पूर्व अध्यक्ष

  • सिंहस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष के पद पर अभी कोई नहीं-पिछले कार्यकाल में भी कुछ कार्य नहीं हुए

उज्जैन। सिंहस्थ प्राधिकरण का गठन जब उमा भारती मुख्यमंत्री थीं तब किया गया था और इसका उद्देश्य यह था कि पूरे 12 वर्ष तक सिंहस्थ क्षेत्र के विकास को लेकर प्राधिकरण काम करेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और प्राधिकरण अध्यक्ष के पद पर दिवाकर नातू बने तो वे कई साल तक इस पद पर जमे रहे लेकिन कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया लेकिन अभी वर्तमान में सिंहस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष पद खाली है और नातू इस उम्र में भी फिर से अध्यक्ष बनने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन अधिकारिक तौर पर वे कहते हैं कि मैं सरकार के पास पद मांगने नहीं जाऊँगा।


अब हास्यास्पद बात है कि उनके कार्यकाल में कोई ऐसे विशेष कार्य नहीं हुए, फिर सरकार उन्हें क्यों अवसर देगी। उनके स्थान पर किसी नये योग्य व्यक्ति का चयन होना चाहिए। गौरतलब है कि बीते चार वर्षों से सिंहस्थ मेला प्राधिकरण अध्यक्ष पर विहीन पड़ा हुआ है। कोठी के पास सिंहस्थ मेला का भव्य भवन बना हुआ है तथा यहां प्राधिकरण का कार्यालय भी है। सिंहस्थ खत्म होने के बाद से इस स्थान पर अन्य विभागीय कार्यालय जरूर संचालित हो रहे हैं परंतु प्राधिकरण के कार्यालय पर ताला लटका हुआ है। इधर नातू का यह कहना है कि सिंहस्थ में अब ज्यादा लंबा समय नहीं है और काम बहुत है, इसलिए अभी से प्राधिकरण को फिर से जिंदा करना जरूरी है। ताकि ऐनवक्त पर सिंहस्थ की दृष्टि से विकास कार्य शुरू नहीं हो सके। यहां उल्लेखनीय है कि आगामी सिंहस्थ वर्ष 2028 में आयोजित होगा और यूं देखा जाए तो आगामी सिंहस्थ में महज सात वर्ष ही रह गए हैं।

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