फिल्म से लेकर खेल तक, खालिस्तानियों ने कनाडा में लगा रखा पैसा; NIA रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली: कनाडा में रह रहे बड़े खालिस्तानी सरगनाओं और गैंगस्टरों के बीच पैसे के लेनदेन के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच से एक बड़ा खुलासा हुआ है. इन खालिस्तानी सरगनाओं ने भारत में जबरन वसूली और तस्करी से हासिल पैसे को न केवल भारत और कनाडा में हिंसक वारदातों को फंड करने में लगाया, बल्कि महंगी नौकाओं, फिल्में और यहां तक कि कैनेडियन प्रीमियर लीग में भी निवेश किया है. इसके अलावा गैंगस्टरों के वसूले गए पैसे को थाईलैंड के क्लबों और बार में भी निवेश किया गया. एनआईए ने 2019 से 2021 तक 13 मामलों की लिस्ट तैयार की है, जब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हवाला के जरिये 5 लाख से 60 लाख रुपये तक की रकम कनाडा और थाईलैंड में भेजी.

देश की जांच एजेंसियां पहले ही साबित कर चुकी हैं कि बिश्नोई ने अपने डिप्टी सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के जरिये कनाडा की धरती से संचालित खालिस्तानी समूहों, विशेष रूप से बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के नेता लखबीर सिंह लांडा के साथ मिलकर काम किया. ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में 14 व्यक्तियों के खिलाफ दायर एनआईए की चार्जशीट में कहा गया कि ‘…जबरन वसूली, अवैध शराब, हथियारों की तस्करी के कारोबार आदि के जरिये जुटाया गया पैसा कनाडा में सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ और एक सतबीर सिंह उर्फ सैम को आगे के निवेश के लिए और साथ ही खालिस्तान तत्वों की कट्टरपंथी गतिविधियों की फंडिंग के लिए हवाला के जरिये कनाडा में भेजा गया था.’

एनआईए ने कहा कि यह सब एक बड़े खालिस्तान-गैंगस्टर गठजोड़ का हिस्सा हैं. यह दावा करते हुए कि कनाडा में गलत तरीके से कमाए गए धन का प्रबंधन करने वाले शख्स की पहचान सतबीर सिंह उर्फ सैम के रूप में की गई है. एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि सैम ने इस पैसे का एक हिस्सा कनाडा में महंगी नौकाएं खरीदने, फिल्मों को फाइनेंस करने और कनाडाई प्रीमियर लीग के आयोजन में निवेश किया. इस समय जेल में बंद बिश्नोई ने कबूल किया कि उसे कई मौकों पर सैम से धन भी मिला था.

एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सरगना वधावा सिंह और हरविंदर सिंह रिंदा भारत में अनुभवी शूटरों की तलाश कर रहे थे. इसी मौके पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह उनकी योजना में फिट साबित हुआ. उसका सिंडिकेट कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैला हुआ है. जिसमें पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड शामिल हैं. कनाडा में गैंगस्टरों और खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों से परिचित एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ओटावा को लांडा, बराड़, अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला जैसे दो दर्जन से अधिक गैंगस्टर-खालिस्तानी समर्थकों को हिरासत में लेने और भारत को सौंपने की जरूरत है.

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