तेहरान। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष को पश्चिम की अन्यायपूर्ण अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का स्पष्ट संकेत करार दिया है। उन्होंने इस्राइल और हमास युद्ध के डेढ़ महीने से भी अधिक समय (46 दिन) बीतने के बाद ब्रिक्स देशों की विशेष बैठक को संबोधित किया। उन्होंने इस्राइल की आलोचना करते हुए यहूदी शासन को आपराधिक करार दिया। उन्होंने कहा कि इन दिनों जो हो रहा है वह पश्चिमी देशों की नाइंसाफी और अन्यायपूर्ण अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था है।
गौरतलब है कि इस्राइल और हमास के बीत बीते सात अक्तूबर से शुरू हुए हिंसक संघर्ष के कारण पश्चिम एशिया में अभूतपूर्व मानवीय संकट पैदा हो गया है। इस्राइल, फलस्तीन और गाजा की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के नेताओं ने वर्चुअल बैठक कर हालात की समीक्षा की। असाधारण परिस्थितियों में बुलाई गई बैठक में इन देशों के नेताओं के अलावा गए सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस वर्चुअल बैठक में राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि गाजा का मुद्दा मानवता और न्याय का मुद्दा है।
उन्होंने इस्राइल, खासकर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को आड़े हाथों लिया और कहा कि ज़ायोनी (यहूदी) शासन और उसके समर्थकों ने न केवल मानवता, नैतिकता और अधिकारों का उल्लंघन किया है, बल्कि वे वैध जानकारी को दबा रहे हैं। रईसी ने कहा कि इस्राइल गलत सूचना फैलाकर दुनिया की जनता को धोखा देने की भी कोशिश कर रहा हैं।” गाजा में गहराते मानवीय संकट, 47 दिनों से लगातार हो रही बमबारी और हमास-इस्राइल टकराव के लिए ईरानी राष्ट्रपति ने इस्राइल को दोषी ठहराया।
बता दें कि हमास के आतंकी हमलों में इस्राइल में मरने वालों की आधिकारिक संख्या लगभग 1200 है। इस्राइल और हमास के बीच जारी हिंसक संघर्ष के दौरान वेस्ट बैंक में 7 अक्तूबर के बाद कम से कम 12,700 फलस्तीनी मारे गए हैं। आंकड़े फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए हैं, जो गाजा में हमास संचालित स्वास्थ्य अधिकारियों से डेटा लेता है।
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