जीडीपी ग्रोथ में तेजी, महंगाई दर में कमी आई, विदेशी मुद्रा भंडार उच्चतम स्तर पर

– दुर्लभ संसाधनों के आवंटनकर्ता से बाजार अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाने वाला बना आरबीआई : दास

नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर (Reserve Bank of India (RBI) Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने सोमवार को कहा कि आरबीआई दुर्लभ संसाधनों के आवंटनकर्ता (RBI allocator of scarce resources) से बाजार अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाने वाला बन गया है। देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ में तेजी देखने को मिल रही है, जबकि महंगाई दर में कमी आई है। विदेशी मुद्रा भंडार अबतक के उच्चतम स्तर पर है।

शक्तिकांत दास ने आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस के मौके पर यहां अयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक का प्रयास अगले दशक में एक स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली प्रदान करना होगा, जो देश की आर्थिक प्रगति के लिए आधार के तौर पर काम करेगी।

आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक स्तर पर अन्य देशों के मुकाबले भारती अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद सुव्यवस्थित और समन्वित मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक चुनौतियों से बचाने में मदद की है। दास ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर है।

आरबीआई के 01 अप्रैल को 90वें स्थापना दिवस पर मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने संबोधित किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। भारत के केंद्रीय बैंक के तौर पर आरबीआई की स्थापना 1935 में हुई थी। इसका एक जनवरी 1949 को राष्ट्रीयकरण किया गया था।

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