गूगल और माइक्रोसॉफ्ट बने हैकर्स की पहली पसंद, इन पर हो रही साइबर ठगी

नई दिल्ली (New Delhi)। साइबर ठगों और हैकर्स (Cyber ​​thugs and hackers.) के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार (India biggest market) बन गया है। हर दिन किसी-ना-किसी तरीके से लोगों को चूना लगाया जा रहा है। अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और गूगल (Google ) हैकर्स की पहली पसंद (first choice of hackers) बन चुके हैं। इन ब्रांड्स के नाम पर सबसे ज्यादा साइबर अटैक (Cyber ​​attack) किए जा रहे हैं।

चेक प्वाइंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन ब्रांड्स के नाम पर सबसे ज्यादा साइबर अटैक हो रहे हैं उनमें माइक्रोसॉफ्ट का नाम पहले नंबर पर और गूगल का दूसरे नंबर पर है। इस तरह के साइबर अटैक को ब्रांड पिशिंग अटैक कहा जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के नाम पर होने वाले अटैक में पिछले एक साल में 38 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।

हैकिंग के लिए ब्रांड नेम इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है, क्योंकि लोग इन ब्रांड्स के नाम पर भरोसा कर लेते हैं। लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट या गूगल की जिस वेबसाइट पर वे विजिट कर रहे हैं वह असली है या फर्जी। गूगल के नाम पर होने वाले साइबर अटैक में 11 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।

ब्रांड पिशिंग अटैक में LinkedIn का नाम तीसरे नंबर पर है। इसके बाद Apple और DHL का नाम है यानी टॉप- 5 में माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, लिंकडिन, एपल और डीएचएल के नान शामिल हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस लिस्ट में अमेजन और फेसबुक का नाम है।

ब्रांड पिशिंग अटैक में इस्तेमाल होने वाले टॉप-10 ब्रांड्स
Microsoft – 38 फीसदी
Google – 11 फीसदी
LinkedIn – 11 फीसदी
Apple – 5 फीसदी
DHL – 5 फीसदी
Amazon – 3 फीसदी
Facebook – 2 फीसदी
Roblox – 2 फीसदी
Wells Fargo – 2 फीसदी
Airbnb – 1 फीसदी

क्या है ब्रांड पिशिंग अटैक?
ब्रांड पिशिंग अटैक में हैकर्स किसी बड़े ब्रांड्स के नाम पर एक फर्जी वेबसाइट बनाते हैं और फिर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। इन फर्जी वेबसाइट की मदद से लोगों की निजी जानकारी ली जाती है और फिर इन जानकारियों के आधार पर ठगी की जाती है।

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