Google: दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन की सबसे बड़ी टेक्नीक हुई फेल

नई दिल्ली (New Delhi)। गूगल (Google) पर अति भरोसा (Too much trust ) करने वालों को यह जान लेना चाहिए कि वह भी फेल हो सकता है. गूगल के फेल्योर (Google’s failure) का ताजा उदाहरण है वर्तमान में चल रहा इंडेक्सिंग इश्यू (Indexing Issue). आम लोग जो यह नहीं जानते कि इंडेक्सिंग (Indexing) क्या है और यह कैसे काम करता है, उन्हें भी आज इसके बारे में सब पता चल जाएगा. फिलहाल यह जान लीजिए कि गूगल की सबसे बड़ी टेक्नीक (Google’s biggest technology) ने उसे धोखा दे दिया है. ऐसा होने से दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन (World’s largest search engine) का बैंड बज गया, क्योंकि ताजा जानकारियां समय पर नहीं मिल पा रही थीं. ऐसा केवल एकाध देश या किसी खास क्षेत्र में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हुआ है।

खास बात ये है कि गुरुवार शाम लगभग 8 बजे से शुरू हुए इस फेल्योर के बारे में गूगल को पता ही नहीं था. जब एसईओ इंडस्ट्री के लोगों ने ये मुद्दा ट्विटर पर उठाया तो गूगल की नींद खुली. इसके बाद गूगल ने कहा था कि कुछ ही वेबसाइट्स प्रभावित हुई हैं, और इस समस्या के कारणों को पहचानने की कोशिश की जा रही है।

कौन-कौन प्रभावित हुआ?
देखा जाए तो इससे पूरी दुनिया के इंटरनेट यूजर प्रभावित हुए. भारत में जितनी भी वेबसाइट्स के जरिए आपको ब्रेकिंग न्यूज़ मिलती हैं, वे सभी डायरेक्टली प्रभावित हुईं. केवल भारत ही नहीं, दुनियाभर की बड़ी न्यूज़ वेबसाइट्स भी इससे अछूती नहीं रहीं. पता चला है कि इससे वाल स्ट्रीट जनरल (The Wall Street Journal), न्यू यॉर्क टाइम्स (NY Times), और वाशिंगटन पोस्ट (Washington Post) जैसी साइट्स को भी समस्या का सामना करना पड़ा।

क्या है टेक्नोलॉजी और कैसे किया प्रभावित
दरअसल, सर्च करने पर गूगल आपको जो भी सूचना दिखाता है, वह खुद गूगल की नहीं होती. दुनियाभर की वेबसाइटों से उठाकर गूगल वह जानकारी आपकी स्क्रीन पर परोसता है. तो, जो कुछ भी गूगल पर मिलता है, वह किसी न किसी वेबसाइट ने छापा होता है. अलग-अलग वेबसाइट्स पर जो भी कंटेंट छपता है, गूगल उसकी इंडेक्सिंग करता है. इंडेक्सिंग करना मतलब किसी वेबसाइट को रीड करना अथवा पढ़ना और उसकी तमाम जानकारियों को अपने डेटाबेस में सेव करना।

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