सिंगापुर में धारा 377ए को निरस्त करेगी सरकार – ली सीन लूंग


बैंकॉक । सिंगापुर (Singapore) के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग (PM Lee Hsien Loong) ने कहा कि “सरकार (Government) धारा 377ए को निरस्त करेगी (To Repeal Section 377A) और पुरुषों के बीच “घोर अभद्रता”  (“Gross Indecency”) के कृत्यों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर देगी (Will Exclude from the Category of Crime) ।” ली ने वार्षिक राष्ट्रीय दिवस रैली में अपने भाषण के दौरान कहा कि सिंगापुर की सरकार औपनिवेशिक युग के उस कानून को खत्म करने के लिए तैयार है, जो पुरुषों के बीच सहमति से यौन संबंध को अपराध मानता है।

ली ने कहा, “मेरा मानना है कि यह करना सही है और कुछ ऐसा है जिसे अब अधिकांश सिंगापुरवासी स्वीकार करेंगे। यह कानून को वर्तमान सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुरूप लाएगा और मुझे आशा है कि समलैंगिक सिंगापुरियों को कुछ राहत मिलेगी।” डीपीए समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर की धारा 377ए पुरुषों के बीच “घोर अभद्रता” के कृत्यों को बड़े पैमाने पर रूढ़िवादी शहर-राज्य में दो साल तक की कारावास की सजा देती है।

कानून को शायद ही कभी लागू किया गया है, हालांकि यह औपनिवेशिक शासन के दौरान अंग्रेजों द्वारा लागू किए जाने के लंबे समय बाद तक कानून की किताबों पर बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून को निरस्त करने से “हमारे सामाजिक मानदंडों में भारी बदलाव नहीं होगा” और उनकी सरकार “विवाह की संस्था को बनाए रखने और सुरक्षित रखने” के लिए काम करती रहेगी।

ली ने कहा, “कानून के तहत, सिंगापुर में केवल एक पुरुष और एक महिला के बीच विवाह को मान्यता दी जाती है। सरकार का विवाह की परिभाषा बदलने का कोई इरादा नहीं है।” प्रीमियर ने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए देश के संविधान में संशोधन किया जाएगा कि समलैंगिक विवाह को अदालत के फैसले से वैध नहीं बनाया जा सकता है।

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