गोधरा कांड: 59 लोगों को जिंदा जलाने वाले को उम्रकैद, 19 साल बाद हुई थी गिरफ्तारी

गोधरा । गुजरात (Gujarat) के गोधरा कांड (Godhra incident) के आरोपी रफीक हुसैन भटुक (Rafiq Hussain Bhatuk) को गोधरा की कोर्ट (court) ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. गोधरा कांड का आरोपी 19 साल से फरार चल रहा था, जिसे गोधरा पुलिस ने पिछली साल गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में गोधरा की सत्र अदालत ने सुनवाई करते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. रफीक पर मर्डर और दंगा भड़काने के चार्ज लगे थे.

विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने बताया कि गोधरा में ट्रेन के डिब्बे में आग लगाने का आरोपी अपराधी रफीक हुसैन भाटुक पिछले 19 साल से फरार था. जिसे पुलिस ने बीते साल गिरफ्तार किया था.

गोधरा कांड का प्रमुख आरोपी रफीक हुसैन भटुक साल 2002 से फरार था. 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक कोच में भीड़ ने आग लगा दी गई थी. इस घटना में 59 कारसेवकों की जलकर मौत हो गई थी. इसी के बाद गुजरात में 2002 के दंगे हुए थे.

रफीक को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने बताया था कि ट्रेन के कंपार्टमेंट को जलाने के लिए पेट्रोल का बंदोबस्त करना, भीड़ को उकसाना और पूरी साजिश रचने में रफीक हुसैन का बड़ा हाथ था. उसके ऊपर मर्डर और दंगा भड़काने के चार्ज लगे हैं. पुलिस ने ये भी बताया था कि जब हिंसा के दौरान रफीक हुसैन उस वक्त एक मजदूर के तौर पर स्टेशन पर काम करता था. जब ट्रेन आने पर पत्थर फेंके गए और पेट्रोल छिड़का गया, तो ये भी उनमें से एक था. लेकिन उस घटना के बाद रफीक हुसैन यहां से भाग गया और दिल्ली के आसपास रहने लगा था.

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