कलेक्ट्रेट, तहसील परिसर के अतिक्रमणकारी प्रशासन पर भारी

  • रातों-रात कब्जाई जा रही बेशकीमती जमीन
  • शाम ढलते ही देर रात तक छलकाए जाते हैं जाम

गुना। प्रशासनिक अफसरों की नाक के नीचे भूमाफिया रातों-रात अवैध रूप से दबंगता के बल पर सरकारी कार्यालयों की बाउंड्रीबाल के अंदर ही बलात कब्जा जमा रहे हैं कब्जा धारियों के खिलाफ कार्यवाही ना होने से उनके हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं, बताया जाता है कि करीब आधा सैकड़ा कब्जेधारियों ने तहसील परिसर तो आधा दर्जन लोगों ने अवैध रूप से गुमठियां व त्रिपाल तानकर पुरानी कलेक्ट्रेट परिसर में कब्जा जमा लिया है, सूत्र बताते हैं कि सेवानिवृत्ति से पहले उप पंजीयक रजिस्ट्री आई के शुक्ला के द्वारा अपने कार्यालय में काम करने वाले दो प्राइवेट कर्मचारी व कुछ बाहरी लोगों के रजिस्ट्री लाइसेंस मोटी राशि लेकर बनाए गए हैं जबकि पुरानी कलेक्ट्रेट परिसर में लाइसेंस धारियों को बैठने के लिए कोई भी जगह आरक्षित नहीं बची है।

रिटायरमेंट से पहले रिश्वतखोरी, जमकर बांटे लाइसेंस
बताया जाता है कि करीब 9 सालों से गुना के रजिस्ट्री कार्यालय में पदस्थ उप पंजीयक आई.के शुक्ला के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया था अपने सेवानिवृत्ति के कुछ माह पहले ही उन्होंने नियमों को दरकिनार कर रजिष्टि लेखन के लाइसेंस मोटी राशी लेकर बांट दिए, सूत्र बताते हैं कि दिए गए लाइसेंसों में 2 प्राइवेट कर्मचारी भी हैं जो लंबे समय से रजिस्ट्री कार्यालय में अवैध रूप से काम कर रहे हैं, नए लाइसेंस धारियों के लिए पुरानी कलेक्ट्रेट परिसर में बैठने के लिए कोई भी जगह आरक्षित नहीं है अब उनके द्वारा रातों-रात अवैध रूप से टीनशेड बनाकर गुमठियां रखकर कब्जा किया जा रहा है जिस पर प्रशासनिक अफसरों का कोई ध्यान नहीं है।

फार्म बेचने वाले दलालों का तहसील में जमघट
तहसील परिसर में खाली पड़ी भूमि पर आय जाति मूल निवासी आदि के फार्म बेचने वाले दलालों ने टेबल कुर्सियां रहकर वह बड़ी-बड़ी त्रिपाल तानकर अपने अपने कब्जे लंबे समय से जमा रखे हैं, परिसर में मौजूद इन दलालों के द्वारा भोले-भाले कृषक एवं गरीब लोगों से उनके कागजात बनवाने के नाम पर जमकर अवैध वसूली की जाती है। सूत्र बताते हैं कि पूर्व में भी तहसील परिसर में बैठे दलालों के द्वारा अनेकों लोगों को फर्जी आय जाति मूल निवासी बनवाकर भी थमा दिए जिनकी शिकायत के बाद पुलिस ने मामले भी पंजीबद्ध किए थे, तहसील परिसर के दलालों द्वारा अनेकों लोगों से पैसे वसूले गए और उनका काम भी नहीं हुआ जिनकी अनेकों बार जिम्मेदार अफसरों के पास लिखित में शिकायतें की गईं लेकिन दलालों पर ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई।

तहसील परिसर में अनेकों बार चोरी, आगजनी की घटना
तहसील परिसर के कार्यालयों से अनेकों बार चोरी की घटना के अलावा आगजनी की वारदात भी घटित हो चुकी है हालांकि उक्त मामलों में कुछ अभी तक समझ नहीं पाए हैं बताया जाता है कि शाम के समय तहसील, व पुरानी कलेक्ट्रेट परिसर में दलालों व अन्य शाराबियों की महफिलें भी जमतीं हैं जो कि देर रात तक शराब खोरी खुलेआम करते हैं, तहसील व कलेक्ट्रेट में मौजूद कुछ चौकीदार व कोटवार ऐसे लोगों को हड़काने के बजाय उनकी आवभगत करते हैं इसके बदले उन्हें दो पैग भी आसानी से मिल जाते हैं। परिसर में शाम ढलते ही आवारा तत्व गुंडा किस्म के नशेड़ी लोगों का जमावड़ा बढ़ जाता है जो कि देर रात तक लगा रहता है। सरकारी कार्यालय होने से पुलिस भी इस जगह ज्यादा ध्यान नहीं देती।
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