Himachal Crisis : राज्यपाल से मिले पूर्व CM जयराम ठाकुर, बोले- सस्पेंड किए जा सकते हैं BJP विधायक

नई दिल्‍ली (New Dehli)। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार(congress government) पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ये संकट मंगलवार को उस समय आया जब कांग्रेस के छह विधायकों (Six Congress MLAs)ने राज्यसभा चुनाव(Rajya Sabha elections) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग (cross voting)की। भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के जाने-माने चेहरे अभिषेक मनु सिंघवी को हराया। इस घटनाक्रम ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए मंच तैयार कर दिया। विपक्ष के नेता और अन्य भाजपा विधायकों ने आज सुबह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और राज्य विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के लिए शक्ति परीक्षण की मांग की। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने मीटिंग के बाद कहा, “जब हमारी संभावनाएं बहुत कम लग रही थीं, तब हमने जीत हासिल की। भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता। वर्तमान में, कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।”

इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि मुकाबला 34-34 मतों से बराबरी पर रहा था लेकिन उसके बाद महाजन को ‘ड्रॉ’ के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है जिसके पास 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 विधायक हैं। राज्य में भाजपा के 25 विधायक हैं और तीन विधायक निर्दलीय हैं। राज्यसभा सीट का नतीजा औपचारिक रूप से घोषित होने से पहले ही भाजपा द्वारा सुखविंदर सिंह सुक्खू की 14 महीने पुरानी सरकारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा तेज हो गई थी। पढ़ें हिमाचल प्रदेश से जुड़े हर अपडेट लाइव हिन्दुस्तान पर।

कांग्रेस को पता ही नहीं है कि उसके विधायक कहां जा रहे हैं: अमित शाह

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के कुछ घंटे बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी पार्टी बिखर रही है और उसे पता नहीं है कि उसके विधायक कहां जा रहे हैं और किसके लिए मतदान कर रहे हैं। उन्होंने इन धारणाओं को खारिज कर दिया कि भाजपा उम्मीदवार को जिताने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई थी। शाह ने ‘न्यूज9 ग्लोबल समिट’ में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘कांग्रेस बिखर रही है। पूरा गठबंधन बिखर रहा है। वे अपने लोगों को नहीं संभाल सकते। वे अपने लोगों का सही से ख्याल नहीं रख रहे और परिणामस्वरूप बिखर रहे हैं।’’ कांग्रेस विधायकों को अगवा किये जाने के हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आरोपों पर गृह मंत्री ने पूछा कि विधानसभा परिसर में चुनाव हुआ तो यह कैसे संभव है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान कैमरों की निगरानी में हुआ।

शक्ति परीक्षण की मांग

विपक्ष के नेता और अन्य भाजपा विधायकों ने आज सुबह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और राज्य विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के लिए शक्ति परीक्षण की मांग की। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने मीटिंग के बाद कहा, “जब हमारी संभावनाएं बहुत कम लग रही थीं, तब हमने जीत हासिल की। भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता। वर्तमान में, कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।”

विधायकों पर हमला किया गया- ठाकुर

जयराम ठाकुर ने कहा, “हमने राज्यपाल को हाल ही में विधानसभा में जो कुछ हुआ उसके बारे में सूचित किया है…हमने उन्हें विपक्षी विधायकों के प्रति अध्यक्ष के व्यवहार के बारे में सूचित किया है। विधानसभा में जब हमने वित्तीय विधेयक के दौरान मत विभाजन की मांग की तो इसकी अनुमति नहीं दी गई और सदन को दो बार स्थगित किया गया। उसके बाद मार्शल ने हमारे विधायकों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया वह ठीक नहीं था। मार्शलों द्वारा विधायकों पर हमला किया गया। विधायक घायल हुए, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में ऐसा कभी नहीं हुआ। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन जीते…फिलहाल कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।”

भाजपा विधायकों को निलंबित कर सकते हैं- ठाकुर

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, “हमें संदेह है कि विधानसभा अध्यक्ष बजट को आराम से पारित कराने के लिए भाजपा विधायकों को निलंबित कर सकते हैं। कांग्रेस के कुछ विधायकों को नोटिस मिला है जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में वोट किया है…चुनाव आयोग के निर्देशानुसार राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग अमान्य नहीं है।”

बजट पर मत-विभाजन की मांग की- पूर्व सीएम

सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। राज्यपाल से मुलाकात के बाद पूर्व CM जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने बजट पर मत-विभाजन की मांग की है। उन्होंने कहा कि यही फ्लोर टेस्ट है। ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल को मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने विधायकों को प्रताड़ित करके दल-बदल नियम के तहत कर्रवाई करने की मंशा दिखा रही है। इसके चलते कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को नोटिस दिया है।

किसके पास कितने नंबर?

68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए 35 का आंकड़ा चाहिए। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 40 विधायक जीते थे। बीजेपी के 25 और तीन अन्य विधायकों को जीत मिली थी। अब बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 6 से ज्यादा विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। वहीं तीन निर्दलीय भी भाजपा के साथ बताए जा रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस सरकार अपना बहुमत खोने के करीब पहुंच जाएगी।

राज्यपाल से ये मांग करेगी भाजपा

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, “हाल ही में विधानसभा में जो हुआ उससे हम राज्यपाल को अवगत कराएंगे। हमने वित्तीय विधेयक पर कटौती प्रस्ताव के दौरान मतविभाजन की मांग की, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद मार्शल ने सभी विधायकों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया वह ठीक नहीं था। हम ये सारा मामला राज्यपाल के सामने उठाएंगे।” जयराम ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम बजट पेश होने से पहले डिविजन वोटिंग चाहते हैं, लेकिन स्पीकर इसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं। हम चाहते हैं कि फाइनेंशियल इमरजेंसी से बचने के लिए बजट पारित किया जाए। हम वोटिंग के लिए मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने बहुमत खो दिया है।

राजभवन में अपनी बात रखेंगे- जयराम ठाकुर

हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल के बीच राजभवन पहुंचे पूर्व CM जयराम ठाकुर। इस दौरान उन्होंने कहा कि विधानसभा के नियम सुचारू रूप से पालन हों। सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।

राज्यपाल के पास पहुंचे भाजपा विधायक

पूर्व मुख्यमंत्री व हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आज सुबह राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं। वे राज्यपाल से मुलाकात कर हिमाचल की सुक्खू सरकार के खिलाफ फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर सकते हैं।

राज्यपाल से मिलने वाले हैं भाजपा विधायक

बीजेपी विधायक आज सुबह 7.30 बजे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से भी मुलाकात करेंगे। भाजपा कल गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। भाजपा के हर्ष महाजन ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार अभी अल्पमत में है। सरकार में बैठे लोग इस तरफ आने को तैयार हैं। वे सरकार से नाखुश हैं। वे इतने परेशान हैं कि कुछ भी कर सकते हैं। यह सरकार नहीं चलेगी।”

29 फरवरी को बजट पारित होना है

कांग्रेस उम्मीदवार की हार से सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की परेशानी बढ़ने की संभावना है क्योंकि 29 फरवरी को राज्य विधानसभा में 2024-25 का वार्षिक बजट पारित होना है और सदन में बहुमत साबित करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। सिंघवी की हार के बाद राज्य में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर और भाजपा की हिमाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की।

हिमाचल प्रदेश में हुए चुनाव को चुनौती देगी कांग्रेस

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बीच कहा कि वे हिमाचल प्रदेश में हुए चुनाव को चुनौती देंगे क्योंकि दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले और फैसला लॉटरी के आधार पर लिया गया। खरगे ने टीवी9 नेटवर्क द्वारा आयोजित एक शिखर सम्मेलन में सवाल उठाया, “अगर कोई दल चुनी हुई सरकार को तोड़ता है तो यह कौन सा लोकतंत्र है। ऐसा पहले कर्नाटक, मणिपुर, गोवा में हो चुका है। जब वे निर्वाचित नहीं होते हैं तो वे इस तरह के उपाय करते हैं और डराने के साथ सरकार को तोड़ देते हैं। क्या यह लोकतंत्र है?”

स्पीकर से मिल चुके भाजपा विधायक

विपक्ष के नेता और अन्य भाजपा विधायकों ने मंगलवार शाम हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात की और ध्वनि मत के बजाय राज्य के बजट को पारित करने के लिए मत विभाजन की मांग की। यदि अनुमति दी गई, तो वोटों का विभाजन हर पार्टी की असल ताकत सामने रख देगा।

भाजपा विपक्षी सरकारों को अस्थिर करती रही, तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश के कई पार्टी विधायकों के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के बाद मंगलवार को भाजपा पर विपक्षी दलों को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि अगर विपक्ष की सरकारों को ऐसे ही अस्थिर किया जाता रहा, तो देश में लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। खरगे ने हिमाचल प्रदेश के घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘चुनी हुई सरकार को तोड़ते हैं, तो यह कौन सा लोकतंत्र है? इससे पहले मध्य प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर और गोवा में ऐसा ही हुआ था…अगर आप चुनकर नहीं आते, तो लोगों को डराकर, धमका कर काम करते हैं, क्या यह लोकतंत्र है।’’

हिमाचल के कांग्रेस विधायक ने ‘अपहरण’ के दावों को खारिज किया

कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के उन दावों को खारिज कर दिया कि पार्टी के कुछ विधायकों का ‘अपहरण’ कर लिया गया। उन्होंने हरियाणा के पंचकूला की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वह ‘कहीं भी जा सकते हैं।’ समझा जाता है कि रवि ठाकुर, राजिंदर राणा और चार अन्य कांग्रेस विधायकों सहित नौ विधायक पंचकूला में पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंच गए हैं। बाद में, माना गया कि उन्हें एक होटल में ले जाया गया। रवि ठाकुर ने कहा, ‘‘हम घूमने आये हैं। यह मेरा निजी समय है। मैं कहीं भी जा सकता हूं।’’

सुक्खू ने लगाया विधायकों के अपहरण का आरोप

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू ने भाजपा पर हर्ष महाजन की जीत तय करने के लिए अपने कुछ विधायकों का अपहरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों ने अपनी ईमानदारी बेच दी…नौ क्रॉस-वोटिंग हुई, उनमें से तीन निर्दलीय विधायक थे लेकिन छह (कांग्रेसी) ने अपनी ईमानदारी बेच दी…और उनके (सिंघवी) के खिलाफ मतदान किया। हिमाचल के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

कांग्रेस के हाथ से जाएगा एकमात्र उत्तर भारतीय राज्य?

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस शासित एकमात्र उत्तर भारतीय राज्य है। यहां मिली करारी हार कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी समूह इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है। इस समूह को उत्तर प्रदेश में भी झटका लगा, जहां समाजवादी पार्टी के सात विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। केवल कर्नाटक में ही कांग्रेस अपने समर्थकों पर पकड़ बनाए रखने में सफल रही और यहां तक कि भाजपा से विद्रोही वोट जुटाकर राज्य की प्रस्तावित चार सीटों में से तीन सीटें जीतने में सफल रही।

राज्यपाल से मिलेंगे भाजपा विधायक

सूत्रों ने बताया कि जयराम ठाकुर की अगुवाई में भाजपा विधायक दल के नेता राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और यह दावा करते हुए विश्वास मत की मांग करेंगे कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में बहुमत गंवा दिया है।

शिमला जा रहे डीके और हुड्डा

हरियाणा के पूर्व सीएम हुड्डा और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार हिमाचल में कांग्रेस सरकार के अस्तित्व पर खतरा मंडराने के बीच हालात का जायजा लेने के लिए बुधवार यानी आज सुबह शिमला पहुंचेंगे। ये छह विधायक राज्यसभा चुनाव के लिए वोट डालने के बाद मंगलवार को शिमला से हरियाणा रवाना हुए। ऐसा माना जाता है कि वे विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। इससे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर संकट गहराने का संकेत मिलता है। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति उन खबरों के बीच की गई है कि भाजपा ने बुधवार सुबह विधानसभा की बैठक से पहले राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात करने की योजना बनाई है।

कांग्रेस सरकार पर संकट

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार संकट में है। कहा जा रहा है कि उसके कई विधायकों ने पाला पलट लिया है। इसे देखते हुए कांग्रेस ने अपने दक्षिण के धुरंधर डीके शिवकुमार को एक्टिव किया है।

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