हूती विद्रोहियों ने अदन की खाड़ी में एक ही दिन में किया दो जहाजों पर हमला

नई दिल्ली (New Delhi)। हूती विद्रोहियों (Houthi rebels) ने एक ही दिन में दो जहाजों पर ड्रोन से हमले (Drone attacks on two ships) किए। हमले की जानकारी देते हुए ब्रिटिश सेना (British Army) के मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशन (यूकेएमटीओ) (Maritime Trade Operation (UKMTO)) ने बताया कि हमास-इस्राइल के युद्ध (Hamas-Israel war) के बाद हमास के समर्थन में जहाजों को निशाना बनाने के ईरान समर्थित लड़ाकों (Iran-backed militias) के अभियान में यह नवीनतम हमला है। यूकेएमटीओ ने बताया कि मंगलवार को यमन के दक्षिणी बंदरगाह शहर अदन के पास जहाज पर हमला हुआ। सुरक्षा फर्म एंब्रे ने इसकी पहचान मार्शल आइलैंड्स के ध्वज और ग्रीक स्वामित्व वाले जहाज के रूप में की है, जो अमेरिका से भारत की ओर आ रहा है।

एंब्रे के मुताबिक जहाज के स्टारबोर्ड की ओर से 50 मीटर दूर जोरदार विस्फोट हुआ था। हालांकि, इससे न तो जहाज के ढांचे को क्षति पहुंची है और न कोई हताहत हुआ है। हमले के बाद हूती विद्रोहियों के एक सैन्य प्रवक्ता, ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने दावा किया कि विद्रोही बलों ने लाल सागर में दो जहाजों पर हमला किया, जिनमें से एक अमेरिकी और एक ब्रिटिश था। हालांकि, हूतियों ने भारत आ रहे जहाज पर हुए हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

अदन की खाड़ी में हमले के बारे में एंब्रे ने बताया कि दूसरा हमला ब्रिटिश कंपनी मॉर्निंग टाइड के मालवाहक जहाज पर िकया गया जिस पर बारबाडोस का ध्वज लगा है। इस हमले में भी कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, जहाज को क्षति पहुंची है। हूतियों पर अमेरिका व ब्रिटेन ने कार्रवाई करते हुए पिछले सप्ताह ही उनके 36 ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।

हमलावरों को ढेर करने का संकल्प
अमेरिकी सेना ने एक बयान जारी कर कहा कि विस्फोटकों से लदे दो हूती ड्रोन नौकाओं से टकराए हैं। साथ ही कहा कि नौसेना व व्यापारिक जहाजों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री रास्तों को सुरक्षित बनाने के लिए वह प्रतिबद्ध है। हमलावरों को खोजकर नष्ट किया जाएगा।

लाल सागर संकट पर अहम बैठक कल
लाल सागर में चल रही समस्याओं पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति गुरुवार को फिर बैठक करेगी। इसमें विदेश, रक्षा, जहाजरानी, वित्त और वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। इससे पहले पैनल ने इस मुद्दे पर 17 जनवरी को बैठक की थी। ये बैठकें वाणिज्य मंत्रालय की ओर से बुलाई जाती हैं। एक अधिकारी ने कहा, बैठक में अधिकारियों की ओर से निर्यातक समुदाय को इस संकट से निपटने में मदद के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा होगी।

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