फोटो खींचते समय फ्लैश लाइट का इस्तेमाल कितना सही? अधिकांश नहीं जानते इसका जवाब

नई दिल्ली (New Delhi)। आज हर किसी की जेब में मोबाइल फोन (mobile phone) है. युवाओं (Youth) में तो स्मार्टफोन (Smartphones) का ऐसा क्रेज है कि मार्केट में आया हर नया फोन (new phone) लेने की चाहत रहती है. स्मार्टफोन (Smartphones) ने कैलकुलेटर से लेकर कैमरा (calculator to camera) तक की मांग घटा दी है. फिलहाल बाजार में जितने भी स्मार्टफोन (Smartphones) मौजूद हैं, उनमें अच्छी खासी कैमरा क्वालिटी मिलती है. 10,000 रुपये के बजट फोन में भी 50 मेगापिक्सल तक की क्वालिटी वाले कैमरा लगे मिल जाते हैं. कैमरा चाहे कितने भी मेगापिक्सल का हो, मगर फोटो खींचने की कला नहीं आती तो फिर सब बेकार है।

कैमरा के साथ-साथ सभी स्मार्टफोन में फ्लैश लाइट या टॉर्च भी आती ही है. यह लाइट अंधेरे में रोशनी करने के काम तो आती ही है, साथ ही फोटो लेते समय फ्लैश लाइट की तरह इस्तेमाल भी की जाती है. ऐसे में सवाल यह आता है कि क्या दिन में फोटो खींचते समय मोबाइल की फ्लैश लाइट का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं? किस समय फ्लैश लाइट का इस्तेमाल करना चाहिए और किस समय नहीं? हालांकि ज्यादातर लोग कहते हैं कि रात के समय फ्लैश का यूज करना चाहिए. मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह उत्तर सही नहीं है. तो सही क्या है? चलिए जानते हैं-

कब-कब न यूज करें फ्लैश लाइट
नाइट शॉट में : इन दिनों जितने भी नए स्मार्टफोन आ रहे हैं, उनमें से ज्यादातर में नाइट मोड (Night Mode) होता है. यदि आप रात में फोटो खींच रहे हैं तो नाइट मोड ऑन कर लें. यकीन मानिए बेहतरीन फोटो आएंगे. यह ऐसी जगह भी काम करेगा, जहां लाइट कम होती है।

इनडोर इवेन्ट : बहुत सारे गेम ऐसे हैं, जो इनडोर होते हैं. कई बार इनडोर कार्यक्रम भी होते हैं, जैसे कि मीटिंग्स, पार्टियां या सेमीनार इत्यादी. ऐसे कार्यक्रमों में भी आपको फ्लैश लाइट इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है. कोशिश करनी चाहिए कि इनडोर इवेंट्स में नेचुरल या आर्टिफिशियल लाइट में तस्वीरें ले ली जाएं. बिलकुल इसी तरह, इनडोर पोर्टरेट्स में भी फ्लैश लाइट की बजाय प्राकृतिक या बनावटी लाइट का यूज करें. फ्लैश लाइट यूज करने पर तस्वीर में काफी खराब लाइटिंग और शेडो दिखेंगी।

बड़ी तस्वीरों में : यदि आपको ग्रुप फोटो लेनी है तो भी फ्लैश लाइट इस्तेमाल करने का कोई फायदा नहीं. ऐसा इसलिए कि मोबाइल की फ्लैश लाइट बहुत विस्तृत एरिया को कवर नहीं कर सकती. तो जब भी ऐसी तस्वीरें लेनी हो, नेचुरल या फिर आर्टिफिशियल लाइट में फोटो खींचनी चाहिए।

तो कब काम आएगी स्मार्टफोन की फ्लैश?
आउटडोर पोर्टरेट्स (Outdoor Portraits): जब आप बाहर दिन के समय पोर्टरेट फोटो ले रहे हों, तब फ्लैश लाइट का यूज करें. ऐसा करने से एक तरफ पड़ने वाली छाया को नियंत्रित किया जा सकता है. छाया वाली जगह पर छाया नहीं दिखेगी।

लाइट पीछे से आए, तब: कई बार जब हम फोटो लेते हैं तो लाइट का स्रोत पीछे की तरफ से आ रहा होता है. इसमें आप बिना फ्लैश के फोटो लेंगे तो पीछे से आ रही रोशनी फोटो को बिगाड़ देगी. कोशिश करें कि सब्जेक्ट (जिसकी फोटो ले रहे हैं) के पीछे से लाइट को रोका जाए. यदि ऐसा न कर पाएं तो फिर मोबाइल की फ्लैश लाइट का इस्तेमाल करें. ऐसा करने से सब्जेक्ट का फ्रंट भी रोशन हो जाएगा और फोटो बेहतर होगी।

सेल्फी लेते समय: यदि आप सामान्य स्नैपशॉट या सेल्फी ले रहे हैं तो आपको ब्राइट लाइट की जरूरत होगी. ऐसे में आपको फ्लैश का इस्तेमाल करना चाहिए. हालांकि यदि आप ऐसी तस्वीरों को प्रिंट कराना चाहें तो तब बेहतर परिणाम नहीं मिलेगा।

तो कुल मिलाकर न तो रात के समय फ्लैश लाइट की बहुत जरूरत पड़ती है और न ही दिन के समय. दिन के समय पोर्टरेट में शेडो और लाइट को बैलेंस करने के लिए आपको स्मार्टफोन की फ्लैश लाइट का इस्तेमाल करना चाहिए।

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