PRS लेजिस्लेटिव रिपोर्ट में खुलासा: कैसी रही सासंदों की परफॉर्मेंस, किसने पूछे कितने सवाल

नई दिल्‍ली (New Delhi)। भारत में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए अब कम ही वक्त बचा है. चुनाव से पहले 10 फरवरी को मोदी सरकार (Modi Govt) के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट सत्र खत्म हो गया. इसके बाद संसदीय प्रणाली पर रिसर्च करने वाली संस्था पीआरएस लेजिस्लेटिव (PRS Legislative)  ने अपनी रिपोर्ट शेयर की है. इसमें विस्तार से बताया है कि 17वीं लोकसभा में संसद सत्र के दौरान सांसदों की परफॉर्मेंस कैसी रही.

रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार जहां कुछ सांसद ने एक भी बैठक नहीं छोड़ी. तो वहीं कुछ सासंद ऐसे भी हैं जिन्होंने 5 साल के संसद सत्र के दौरान चुप्पी साधी रखी.


5 साल में कुल 274 बैठक
पीआरएस लेजिस्लेटिव की रिपोर्ट के अनुसार 17वीं लोकसभा के पांच साल के कार्यकाल के दौरान संसद सत्र में कुल 274 बैठक हुईं. जो पिछली सभी पूर्णकालिक लोकसभाओं की तुलना में सबसे कम है.

इस बैठक में बीजेपी के अजमेर और कांकेर के दो सांसदों ने 100 परसेंट का अटेंडेंस दर्ज कराया तो वहीं सांसद सनी देओल और शत्रुघ्न सिन्हा किसी भी बैठक के दौरान हुए बहस में शामिल नहीं हुए.

शत्रुघ्न सिन्हा पश्चिम बंगाल के आसनसोल लोकसभा सीट से TMC के सांसद हैं. इस सीट पर अप्रैल 2022 में उपचुनाव हुआ था और उस वक्त टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी उम्मीदवार अग्निमित्र पॉल को तीन लाख वोटों के अंतर से हराया था.

वहीं सनी देओल पंजाब के गुरदासपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं. हालांकि सनी देओल ने कुछ महीने पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी. एक इंटरव्यू में सनी ने कहा था- मैं क्षेत्र के लोगों और संसद को समय नहीं दे पा रहा हूं, इसलिए अब भविष्य में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, 2019 से 2024 तक सनी देओल की संसद में उपस्थिति सिर्फ 18 प्रतिशत रही. बजट सत्र 2023 को छोड़ दिया जाए, तो एक्टर से राजनीति में आए सनी साल 2021 से संसद के किसी भी कार्यवाही में शामिल नहीं हुए.

सनी देओल ने साल 2019 में गुरदासपुर सीट से कांग्रेस के सुनील जाखड़ को चुनाव हराया था. उस वक्त देओल को 5 लाख 58 हजार वोट मिले थे, जबकि जाखड़ को 4 लाख 76 हजार वोट. जाखड़ अब भारतीय जनता पार्टी में हैं और पंजाब संगठन की कमान संभाल रहे हैं.

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