मैंने इस्तीफा नहीं दिया मैं एक योद्धा हूं, लड़ता रहूंगा – हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू


शिमला । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री (Himachal Pradesh Chief Minister) सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukkhu) ने कहा कि मैंने इस्तीफा नहीं दिया (I have Not Resigned) मैं एक योद्धा हूं (I am A Warrior), लड़ता रहूंगा (Will keep Fighting) । राजनीतिक संकट के बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कहा कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है और कांग्रेस सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

सुक्खू द्वारा पद छोड़ने की पेशकश की खबरों के बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने इस्तीफे की कोई पेशकश नहीं की है। मैं एक योद्धा हूं, लड़ता रहूंगा। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी राज्य में पूरे पांच साल तक सत्ता में रहेगी। अपने कैबिनेट सहयोगी विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे पर सुक्खू ने कहा, वह मेरे भाई हैं। उनकी कुछ शिकायतें हैं और उन्होंने मुझसे कई बार बात की है। इसे सुलझा लेंगे। इस बीच, कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम को यहां होने वाली है। पार्टी ने पर्यवेक्षकों से राज्य के सभी विधायकों से बात करने और संकट पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने को भी कहा है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दिल्ली में मीडिया से कहा कि पार्टी की प्राथमिकता हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार बचाने की है। रमेश ने कहा, फिलहाल, हमारी प्राथमिकता अपनी कांग्रेस सरकार को बचाना है, क्योंकि दिसंबर 2022 में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट जनादेश मिला था। हिमाचल प्रदेश के लोगों ने पीएम, जगत प्रकाश नड्डा, अनुराग ठाकुर और जय राम ठाकुर को खारिज कर दिया था। जनादेश कांग्रेस पार्टी के लिए था। इसलिए, इस जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, मोदी सरकार के पास केवल एक ही गारंटी है – सभी कांग्रेस सरकारों को गिराना। हम ऐसा नहीं होने देंगे।

एक दिन पहले आश्चर्यजनक उलटफेर में कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा की एकमात्र सीट पर क्रॉस वोटिंग की। भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने वालों में मंत्री पद के इच्छुक सुधीर शर्मा (धर्मशाला) और राजिंदर राणा (सुजानपुर) शामिल थे। उनके अलावा इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर); रवि ठाकुर (लाहौल-स्पीति); चैतन्य शर्मा (गगरेट); और देवेंदर भुट्टो (कुटलैहड़) ने भी क्रॉस वोटिंग की थी। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के पक्ष में वोट किया। इसके साथ ही कांग्रेस के पास 68 सदस्यों वाली विधानसभा में 34 विधायक बचे हैं।

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