नई दिल्ली: संसद किसी देश की गरिमा होती है. यहां पर देशहित में फैसले लिए जाते हैं. जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करके यहां भेजती है. यही लोकतंत्र की तस्वीर होती है. ऑस्ट्रेलिया की संसद इस वक्त शर्मसार है. एक महिला सांसद के आंसू बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं. वो भरी संसद में रो-रोकर लिडिया थोर्पे ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. जब-जब उसने जुर्म के खिलाफ आवाज ऊंची करनी चाही, तब-तब उसको डरा धमका कर चुप करा दिया गया. संसद के अंदर महिला सांसद की रोती तस्वीर आज दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है.
ऑस्ट्रेलियाई सांसद लीडिया थोर्प ने आरोप लगाया कि संसद में उनका यौन उत्पीड़न किया गया. उन्होंने कहा कि ये इमारत महिलाओं के काम करने के लिए सेफ नहीं है. वो ये कहते हुए रो पड़ीं. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि उनके ऊपर गंदी टिप्पणियां की गई. एक सीढ़ी के पास उनको घेर लिया गया और गलत तरीके से छुआ गया. थोर्पे ने रूढ़िवादी डेविड वैन के खिलाफ आरोप लगाए हैं. हालांकि वान ने सिरे से इन आरोपों को खारिज कर दिया है. वान का कहना है कि इन आरोपों की वजह से वो टूट गए हैं और बहुत परेशान हैं. लोकल मीडिया को उन्होंने बताया कि वो पूरी तरह से झूठे आरोप हैं. हालांकि लिबरल पार्टी ने वान को पार्टी से सस्पेंड कर दिया.
थोर्प ने कहा कि हर किसी के लिए यौन उत्पीड़न का मतलब अलग-अलग है. उन्होंने कहा कि मेरे साथ जो हुआ वो मैं बताती हूं. मेरे साथ जबरदस्ती की गई. मुझे गलत तरीके से छुआ गया. मैं ऑफिस के गेट से बाहर निकलने से डरती थी. पहले मैं दरवाजें को थोड़ा सा खोलती थी. उसके बाद बाहर देखती थी कि कहीं कोई है तो नहीं. जब मुझे रास्ता साफ दिखता था तब मैं बाहर निकलती थी. मैं इस हद तक डर गई थी कि जब इमारत के अंदर जाती थी तो किसी को साथ लेकर जाती थी. कथित रूप से पीड़ित सांसद ने कहा कि मैं जानती हूं कि मेरे जैसे और भी पीड़ित हैं लेकिन वो अपने करियर के कारण कभी सामने नहीं आए.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved