हल्द्वानी में दंगाइयों पर सख्त ऐक्शन वाली IAS वंदना सिंह पर मचा घमासान, जानिए क्‍यों ?

हल्द्वानी (Haldwani) । नैनीताल की डीएम वंदना सिंह (DM Vandana Singh) को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शनिवार को दिनभर घमासान मचा रहा। इसकी शुरुआत उनकी मुखालफत में सुबह हैशटैग ‘अरेस्ट वंदना सिंह’ से हुई। हालांकि दोपहर तक उनके समर्थक भी एक्स पर तेजी से सक्रिय हुए और हैशटैग ‘आई सपोर्ट वंदना सिंह’ भी ट्रेंड करने लगा। देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने भी डीएम के बयान का एक वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट किया।

हल्द्वानी हिंसा को लेकर एक्स पर ट्रेंड कर रहीं डीएम वंदना सिंह को लेकर उनकी मुखालफत में कमेंट कर रहे लोगों का कहना था कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई इसलिए उनकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए। वंदना सिंह के समर्थन आए लोगों ने कमेंट किए कि डीएम ने हिंसा की चिंगारी को भड़कने से रोका, जिससे हल्द्वानी शहर बच गया। इसे लेकर शनिवार शाम तक करीब डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट और रीपोस्ट हो गए थे। इसमें डीएम के विरोध और उनके समर्थन में कमेंट करने वाले यूजर्स शामिल थे। डीएम वंदना सिंह ने हल्द्वानी में हिंसा को लेकर सख्त रुख अपनाया था। उन्होंने तुरंत कर्फ्यू लगाने के साथ दंगाइयों को देखते ही पैर में गोली मारने का आदेश दिया था।

बाद में मुख्यमंत्री धामी ने भी डीएम का एक वीडियो एक्स पर पोस्ट किया। इस वीडियो में डीएम वंदना सिंह वनभूलपुरा स्थित मलिक का बगीचा में अतिक्रमण से मुक्त हुई भूमि को लेकर शासन की योजना की जानकारी दे रही हैं। इस वीडियो में डीएम कह रहीं हैं कि खाली कराई गई जमीन पर पुलिस थाना खोलने के साथ ही गौला नदी में खनन कार्य करने वाले मजदूरों के बच्चों के लिए मुस्कान और आंगनबाड़ी केन्द्र बनाएंगी। इस कार्य के लिए जिला खनन समिति की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गई है।

सरकार का साथ मिलने के बाद तेजी से बढ़े समर्थक
सीएम पुष्कर धामी ने वनभूलपुरा के पूरे घटनाक्रम में डीएम वंदना सिंह की भूमिका का समर्थन किया। इसके बाद वंदना सिंह के समर्थन में आने वाले पोस्टों की संख्या तेजी से बढ़ी। हालांकि उनकी मुखालफत में भी देर शाम तक लगातार पोस्ट होते रहे।

क्या बोलीं वंदना सिंह
नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कहा, ‘पता चला है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मेरे खिलाफ चल रहा हैशटैग अभियान एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने शुरू किया। सच्चाई का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यहां पहुंची फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य मुझसे मिले तक नहीं, न ही फोन पर कोई जानकारी ली। सदस्य क्षेत्र के उलेमाओं और बुद्धिजीवियों से भी मिले बगैर चले गए।’

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