मणिपुर में अवैध घुसपैठियों ने बनाए ‘किले’! 18 साल में 996 गांवों के बदले हालात

मणिपुर: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में अवैध अप्रवासियों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जताई है. मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि मणिपुर में अवैध अप्रवासियों के कारण अप्राकृतिक रुप से 996 नए गांवों में तेजी से विकास हुआ है, जो स्वदेशी लोगों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.

अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार (29, अप्रैल) को एक चेतावनी की. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए अवैध अप्रवासियों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जाहिर की. इस वीडियो में दिखाई गया कि राज्य के कई गांवों में पिछले कुछ सालों के दौरान जनसंख्या में तेजी के साथ वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं यहां अप्राकृतिक रूप से विकसित गांवों में विकास दर्ज किया गया है.

सीएम बीरेन सिंह ने जताई चिंताई
सीएम एन बीरेन सिंह ने एक पोस्ट शेयर कर कहा, ”क्या कोई भी नए गांवों और आबादी के अप्राकृतिक विकास को स्वीकार करेगा, जिससे अवैध प्रवासियों के आने के कारण उनके अपने राज्य या देश की जनसंख्या में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होंगे? हम अपने देश के भीतर एक गंभीर मुद्दे का सामना कर रहे हैं. विशेष रूप से मणिपुर में, जहां 2006 से अब तक म्यांमार से अवैध प्रवासियों के भारी पलायन के कारण कई नए गांव सामने आए हैं. इस अवधि के दौरान बस्ती स्थापित करने के साथ-साथ पोस्त के बागानों जैसी अवैध गतिविधियों के लिए रास्ता बनाने के लिए बड़े पैमाने पर वन क्षेत्र को नष्ट कर दिया गया है.”

मणिपुर सरकार ने उठाए कड़े कदम
सीएम बीरेन सिंह ने दावा किया कि मणिपुर में संसाधनों, नौकरी के अवसरों, भूमि और स्वदेशी आबादी के अधिकारों पर अवैध अप्रवासियों के अतिक्रमण ने क्षेत्र के भीतर तनाव को बढ़ा दिया है. मणिपुर सरकार के मुताबिक, राज्य में अवैध अप्रवासियों की संख्या को देखते हुए इसके समाधान के भी उपाय किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री सिंह ने अवैध अप्रवासियों के बायोमेट्रिक डेटा इकट्ठा करने और उनकी बस्तियों की जियोटैगिंग शुरू करने की घोषणा की है. इसका उद्देश्य उनके अनियंत्रित प्रसार को रोकना और राज्य की सीमाओं की अखंडता को बनाए रखना है.

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