6 महीने में सीमेंट 70 फीसदी तो सरिया दोगुना महंगा हुआ

महंगाई का असर, निर्माण कार्य शिथिल, विभाग दे रहे नोटिस

इंदौर। बढ़ती महंगाई का असर आम लोगों के सपनों के घरों पर तो पड़ ही रहा है, साथ ही सडक़ निर्माण से लेकर शासकीय काम भी प्रभावित हो रहे हैं। पिछले 6 महीने में सीमेंट के दामों में 70 फीसदी की वृद्धि हुई तो सरिए का भाव दोगुना हो गया है।

दरअसल पिछले दिनों पेट्रोल-डीजल के भावों में हुई भारी वृद्धि के चलते जहां परिवहन प्रभावित हुआ, वहीं भाड़ों में भी वृद्धि हुई। इसके साथ ही कोयले की कमी के चलते दामों में बेतहाशा वृद्धि ने सीमेंट उद्योग को भारी झटका दिया और  6 महीने पहले जो सीमेंट 225 रुपए चल रही थी, वह अब थोक भाव में 375 रुपए प्रति बोरी पर पहुंच गई है। खेरची में तो इसका रेट 425 रु. के करीब चल रहा है। ऐसे ही सरिया 40 रुपए प्रतिकिलो से बढक़र जीएसटी सहित 90 के करीब पहुंच गया है। इसके साथ ही कॉपर में 70, पीवीसी में 130, एल्यूमिनियम में 80 फीसदी वृद्धि हो रही है, जिसके कारण लोगों के सपनों पर तो आघात हुआ ही, वहीं बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डरों के भी काम ठप हो गए।

सस्ते भाव में पहले ही कर चुके थे बुकिंग

बिल्डर अपने फ्लैटों की बुकिंग पहले ही सीमेंट-सरिए के पुराने दामों के आधार पर लागत मूल्य निकालकर मुनाफे की राशि जोडऩे के बाद कर चुके थे। लेकिन अब सीमेंट और सरिए के बढ़ते दामों से निर्माण कार्य का बजट गड़बड़ा गया और कई निर्माण कार्य तो लागत मूल्य पर चले गए हैं। वहीं कई बुकिंग घाटे का सौदा बन गई है।

पुराने भाव पर सरकारी ठेके लेने वालों के निर्माण ठप… विभाग ने दिए नोटिस…आज अफसरों को बताएंगे समस्या

सीमेंट-सरिए के दाम बढऩे से सरकारी विभागों में काम करने वाले ठेकेदारों की परेशानी बढ़ गई है। विभाग काम में देरी के लिए नोटिस थमा रहे हैं तो ठेकेदार एजेंसियां भाव में वृद्धि को लेकर काम शिथिल कर रही हैं। एसोसिएशन की मांग है कि महंगाई को देखते हुए टेंडर दर में वृद्धि की जाए। सरिए-सीमेंट के भाव बढऩे से पीडब्ल्यूडी, पीआईयू, सडक़ एवं पुल निर्माण से संबंधित विभागों में चल रहे निर्माण कार्य तकरीबन शिथिल हो गए हैं। बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अरुणकुमार जैन एवं कुलदीप चौधरी ने बताया कि विभागीय अधिकारी समयसीमा में काम करने के लिए नोटिस पर नोटिस थमा रहे हैं, वहीं बाजार में निर्माण सामग्री महंगी होने से पुरानी दर पर काम नहीं किया जा सकता। इसके लिए आज पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई एवं नगरीय प्रशासन कमिश्नर निकुंज श्रीवास्तव से मिलकर आ रही कठिनाइयों पर चर्चा करेंगे। साथ ही निर्माण दरों में महंगाई के हिसाब से वृद्धि की मांग की जाएगी

समय सीमा बढ़ाने की मांग

केंद्र सरकार की ओर से कोरोना काल में निर्माण कार्य प्रभावित होने को लेकर समयसीमा की छूट और एजेंसी की परफॉर्मेंस प्रभावित नहीं की थी। ऐसी ही मांग एसोसिएशन प्रदेश सरकार से करना चाहती है। एसोसिएशन काम में हो रही देरी के लिए समयवृद्धि के साथ ही गुजरात सरकार की तर्ज पर महंगाई के हिसाब से निर्माण दरों में वृद्धि चाहती है। इसके साथ ही 10 करोड़ रुपए के निर्माण पर दरवृद्धि को बाजार के अनुसार प्रतिबंध से मुक्त करने की मांग कर रही है।

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